शहर में शुरू नहीं हुआ सरकारी स्कूलों का कायाकल्प
ग्रामीण क्षेत्र में अधिकांश विद्यालयों पर यह काम पूरा हो चुका
जासं, एटा: प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों का कायाकल्प कराने में नगर पालिका पिछड़ रही है। चिन्हित किए गए 10 स्कूलों में से किसी पर भी काम शुरू नहीं हो सका है, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में अधिकांश विद्यालयों पर यह काम पूरा हो चुका है।
सरकार ने नगर पालिका क्षेत्र में आने वाले प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों का कायाकल्प कराने के लिए पालिका को जिम्मेदारी सौंपी है। आदेश मिलने के बाद दो माह बीत चुके हैं। इसके बाद भी स्कूलों का कायाकल्प शुरू नहीं हो सका है। शहरी क्षेत्र में आने वाले 10 विद्यालयों में से पहले काम कराने के लिए शहर के शहीद पार्क, जेल रोड और शिकोहाबाद रोड तिराहा स्थित सरकारी विद्यालयों को चिन्हित किया गया है। चिन्हीकरण के बाद नगर पालिका ने कायाकल्प के लिए कोई काम शुरू नहीं कराया है। इससे विद्यालयों में पहुंचने वाले शिक्षकों को परेशानियां हो रही हैं। कायाकल्प होने वाले विद्यालयों में हैंडवाश, शुद्ध पेयजल व्यवस्था के साथ ही शौचालय निर्माण, टाइल्स लगवाने आदि छात्र और शिक्षक सहूलियत के काम शामिल किए गए हैं। नगर पालिका ईओ डा. दीप कुमार वाष्र्णेय ने कहा कि विद्यालयों का कायाकल्प कराने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कराई जा रही है। जल्द ही प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों का कायाकल्प कराया जाएगा। सरकारी स्कूलों में गिराए जाएंगे निष्प्रोज्य भवन: प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बने निष्प्रोज्य भवनों को धराशायी किया जाएगा। इसके बाद उसके मलबे की नीलामी की जाएगी। इस काम के लिए मुख्य विकास अधिकारी ने दो विभागों के अधिकारियों की टीम बनाई हैं।
जनपद में अधिकांश ऐसे विद्यालय हैं, जहां पर बच्चों और शिक्षकों के बैठने के लिए नए भवनों को तैयार कराया है, मगर सालों पहले तैयार हुई बिल्डिग भी विद्यालय परिसर में गिरासू हालत में मौजूद है। जर्जर और निष्प्रोज्य भवनों के खड़े रहने के कारण कभी कोई भी हादसा हो सकता है। ऐसे में मुख्य विकास अधिकारी अजय प्रकाश ने जनपद में ऐसे सभी भवनों को चिन्हित कराया है। जिसमें 222 जगहों पर पुराने भवन खड़े हुए मिले हैं। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि इन सभी भवनों को गिराया जाएगा। इसके बाद उसमें निकलने वाले लोहे, ईंट आदि मलबे की नीलामी कराई जाएगी। इस काम को पूरा कराने के लिए सीडीओ ने पीडब्ल्यूडी और ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अधिकारियों की टीम गठित की है। जुलाई के अंत तक निष्प्रोज्य भवनों को गिराने का काम पूरा किया जाना है।