तीन दिन से नगला चांद में चल रहा था दबंगई का खेल
समय रहते स्थिति भांप नहीं पाई पुलिस दूसरे पक्ष पर भी होती कार्रवाई तो न जाती जान
जासं, एटा : जलेसर कोतवाली क्षेत्र के गांव नगला चांद में हुई युवक प्रदीप की गोली मारकर हत्या की वारदात को लेकर दबंगई का खेल तीन दिन से चल रहा था। सोमवार से पहले भी दोनों पक्षों में मारपीट हुई थी, लेकिन पुलिस को सूचना नहीं दी गई। सोमवार को हुए विवाद की सूचना ही पुलिस के पास थी, मगर समय रहते वह स्थिति को नहीं भांप पाई।
प्रदीप की हत्या मंगलवार को हुई है और सोमवार शाम भागवत कथा के भंडारे के लिए लकड़ी फाड़ते वक्त हमलावरों और मृतक पक्ष में मारपीट हुई, लेकिन ग्रामीण दबी जुबान से कह रहे हैं कि तीन दिन पूर्व एक किशोरी शौच के लिए गई थी, जिसका पीछा प्रधान के बेटे दीपू ने किया। इस बात को लेकर प्रदीप और दीपू के बीच उस दिन भी झगड़ा हुआ और मारपीट हुई, लेकिन गांव वालों ने इस मामले को रफादफा करा दिया था। मृतक के परिवार के लोगों का कहना है कि मामला जब रफादफा हो गया तो हम लोगों ने यही समझा कि विवाद शांत हो गया है इसलिए पुलिस को घटना की सूचना नहीं दी, मगर प्रदीप की हत्या के बाद पुलिस को मौखिक रूप से इस बारे में बता दिया गया है। गांव वालों का कहना है कि अगर प्रदीप के पक्ष की तरफ से भी पुलिस ने तहरीर ले ली होती तो हो सकता है कि शायद उसकी जान नहीं जाती। सीओ जलेसर इरफान नासिर खान ने बताया कि ग्रामीणों ने तीन दिन पूर्व हुए विवाद की जानकारी ग्रामीणों ने मौखिक रूप से पुलिस को दी है, मगर पुलिस मामले की जांच करके सभी तथ्यों को विवेचना में लाएगी। हत्या के बाद छोड़ा गया लवकुश:
सोमवार शाम हुए विवाद के बाद जब प्रदीप के खिलाफ एफआइआर दर्ज हो गई तो उसके रिश्ते के चाचा लवकुश को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था और प्रदीप की हत्या से पहले तक उसे पुलिस थाने में ही बैठाए रही। जब हत्या हो गई तब उसे छोड़ा गया।