चार छात्राओं की हालत बिगड़ी
जागरण संवाददाता, एटा: अवागढ़ के कस्तूरबा गांधी विद्यालय में फूड प्वाइज¨नग की शिकार चार छा
जागरण संवाददाता, एटा: अवागढ़ के कस्तूरबा गांधी विद्यालय में फूड प्वाइज¨नग की शिकार चार छात्राओं की हालत गुरुवार को फिर बिगड़ गई। पहले उन्हें कस्बे के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाया गया। उपचार के बाद छात्राओं को छुट्टी दे दी गई थी, लेकिन जैसे ही वे स्कूल पहुंची तो उल्टी और पेट दर्द की शिकायत के बाद चीखने लगीं। इसके बाद स्कूल से उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया है।
कस्तूरबा विद्यालय में 16 मार्च को 70 छात्राएं फूड प्वाइज¨नग की शिकार हुईं थीं। इलाज के बाद वे ठीक हो गईं, लेकिन फिर से बीमार पड़ना शुरू हो गईं। बुधवार को तीन छात्राओं की हालत बिगड़ी, उन्हें जिला अस्पताल लाया गया, जहां से एक दिन बाद गुरुवार को उन्हें छुट्टी दे दी गई। यह छात्राएं स्कूल पहुंच ही पाईं थीं कि तब तक चार अन्य छात्राओं रजनी पुत्री राजेंद्र निवासी वीरनगर, निशा पुत्री इंद्रपाल निवासी रफतनगर सेंथरा, रचना पुत्री शीषपाल निवासी गगनपुर, एकता पुत्री वीरेंद्र ¨सह निवासी टोडरपुर की हालत और बिगड़ गई। विद्यालय का स्टाफ छात्राओं को लेकर पहले अवागढ़ कस्बे के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचा, जहां प्राथमिक उपचार दिया गया। चिकित्सकों ने चेकअप करने के बाद उन्हें दवा दे दी, लेकिन किसी को भर्ती नहीं किया। यह छात्राएं पैदल स्कूल तक पहुंची। थोड़ी देर बाद ही उन्होंने पेट दर्द के कारण चीखना चिल्लाना शुरू कर दिया और उल्टियां होने लगीं। यह स्थिति देख विद्यालय में एक बार फिर हड़कंप मच गया और एंबुलेंस के लिए फोन कर दिया गया। इसके बाद बीमार छात्राएं एटा लाई गईं। बताया गया है कि छह छात्राओं ने पेट दर्द की शिकायत की थी। इनमें से चार की हालत गंभीर थी। हालांकि जिला अस्पताल सभी छह छात्राओं को लाया गया, लेकिन उनमें से चार को भर्ती किया गया। सूचना मिलने पर जिला बेसिक शिक्षाधिकारी एसपी ¨सह जिला अस्पताल पहुंच गए, जहां उन्होंने छात्राओं का हालचाल जाना। सुबह दिया गया था दलिया
कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में 60 छात्राएं मौजूद थीं। यह भी बताया गया है कि कुछ छात्राएं अपने घर से आईं थीं। सुबह नाश्ता में इन सभी को दलिया दिया गया था। दोपहर का भोजन बीमार पड़ने वाली छात्राएं नहीं कर पाईं थीं। बार-बार इनकी हालत क्यों बिगड़ रही है इसका जवाब न डाक्टरों के पास है और न ही अन्य अधिकारियों के पास, जबकि परिजन निरंतर ¨चता में हैं। जिन लड़कियों की हालत बिगड़ी, उनके परिजन भी जिला अस्पताल में पहुंच गए और वे विद्यालय की व्यवस्थाओं के प्रति असंतोष जता रहे थे। नहीं बदली खाद्य सामग्री
16 मार्च को छात्राओं को दिए गए भोजन में जो खाद्य सामग्री उपयोग में लाई गई थी, उसका अभी भी इस्तेमाल हो रहा है। जबकि इस बात की आशंका जताई जा रही है कि खाद्य संरक्षण के लिए सामग्री में डाली जाने वाली गोलियों के कारण भी हालत बिगड़ी है। विद्यालय के स्टाफ ने बताया कि कुछ खाद्य सामग्री नई भी आई है, लेकिन पिछला सामान बचा हुआ है इसलिए उसका उपयोग किया जा रहा है।