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नए नियम पड़े भारी, दर्जनों अभ्यर्थियों को परीक्षा से रोका

एटा: रविवार को शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 शांतिपूर्ण ढंग से निपट गई। शासन के कुछ नियम परीक्षार्थियों पर भारी पड़ गए।

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 10:37 PM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 10:37 PM (IST)
नए नियम पड़े भारी, दर्जनों अभ्यर्थियों को परीक्षा से रोका
नए नियम पड़े भारी, दर्जनों अभ्यर्थियों को परीक्षा से रोका

जागरण संवाददाता, एटा: रविवार को शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 शांतिपूर्ण ढंग से निपट गई। शासन द्वारा परीक्षार्थियों के लिए बनाए गए नियम पांच दर्जन से ज्यादा अभ्यर्थियों पर भारी पड़ गए। निर्धारित अभिलेख व परिचय प्रमाणपत्र उपलब्ध न करा पाने के कारण केंद्रों पर उन्हें परीक्षा से रोक दिया गया। हालांकि अभ्यर्थियों ने विरोध किया, लेकिन उनकी एक न चली। प्रशासन परीक्षा को शासन की मंशा के अनुरूप कराने के लिए पूरी तरह से सक्रिय दिखा। रणनीति के अनुरूप केंद्रों पर जिम्मेदार मुस्तैद रहे।

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टीईटी परीक्षा के लिए सुबह की पाली में केंद्रों पर एक घंटे पहले से ही परीक्षार्थियों का हुजूम उमड़ा। 19 केंद्रों पर मजिस्ट्रेट व केंद्र सचल दल द्वारा अभ्यर्थियों के अभिलेखों की जांच और तलाशी के बाद ही प्रवेश दिया गया। दोनों पालियों में ही ऐसी स्थिति सामने आईं कि अभ्यर्थी परीक्षा का प्रवेश पत्र लेकर ही पहुंच गए। किसी के पास शैक्षिक अभिलेख पूरे नहीं तो कोई आधार कार्ड व नए नियमों के अनुरूप अभिलेख लेकर नहीं पहुंचा। अधिकांश मामले तो बीएड डिग्री धारियों के भी थे, जिन्हें मूल अंकपत्र न मिलने की स्थिति में इंटरनेट की प्रति को रजिस्ट्रार या कॉलेज प्राचार्य से सत्यापित कराकर पहुंचना था, लेकिन काफी संख्या में सिर्फ फोटो लेकर ही गए। ऐसी स्थिति में सभी केंद्रों पर शासन के निर्देशों अनुसार अभ्यर्थियों को प्रवेश नहीं करने दिया। ऐसे सभी अभ्यर्थी छह दर्जन से ज्यादा बताए गए हैं। कुछ आवेदक ऐसे भी थे, जोकि बीटीसी दूसरे व तीसरे सेमेस्टर के विद्यार्थी होने के बावजूद आवेदन कर परीक्षा देने पहुंचे थे। हालांकि परीक्षा से वंचितों ने कुछ विरोध किया, लेकिन निर्देश जानने के बाद उनका विरोध ठंडा पड़ गया। 1036 परीक्षार्थियों की रही गैर हाजिरी: प्रथम पाली में प्राथमिक स्तर की परीक्षा को पंजीकृत 10310 परीक्षार्थियों में से 9610 उपस्थित हुए। 700 गैर हाजिर रहे। वहीं उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा में पंजीकृत 4631 में से 4295 की उपस्थिति के साथ 336 अनुपस्थित रहे। इनमें परीक्षा न दे सके परीक्षार्थी शामिल हैं। जेडी व डीएम की रही निगरानी: केंद्रों पर नियुक्त मजिस्ट्रेटों और पर्यवेक्षकों के अलावा शासन की ओर से आईं संयुक्त शिक्षा निदेशक प्रयागराज माया निरंजन, डीएम आइपी पांडेय, एसएसपी आशीष तिवारी, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट महेंद्र ¨सह तंवर की भी कड़ी निगरानी रही। केंद्रों पर व्यवस्थाओं का जायजा लेकर उन्होंने प्रश्नपत्र, कॉपियों, सीसीटीवी कैमरों आदि का भी परीक्षण किया। वीडियोग्राफी क्लिप भी देखीं।


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