कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार
जागरण संवाददाता, एटा: शासन की नई पेंशन स्कीम का विरोध दूसरे दिन भी जिलेभर में शिक्षक-कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार किया।
जागरण संवाददाता, एटा: शासन की नई पेंशन स्कीम का विरोध दूसरे दिन भी जिलेभर में शिक्षक-कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार के साथ जारी रहा। पुरानी पेंशन बहाल किए जाने की मांग को लेकर जहां दर्जनों सरकारी महकमों के कर्मचारियों ने लामबंद होकर अवाज बुलंद की। वहीं सरकार की तानाशाही के विरुद्ध अपना आक्रोश भी जताया। स्कूल, कॉलेजों में कार्य बहिष्कार के कारण शिक्षण ठप रहा। वहीं अधिकांश विभागों में भी काम नहीं हुआ। लोगों की परेशानियां विभिन्न विभागों में काम अटकने से बढ़ गईं।
कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली मंच के आह्वान पर तीन दिवसीय कार्य बहिष्कार के दूसरे दिन गुरुवार को शिक्षक, कर्मचारियों का आंदोलन और बढ़ता नजर आया। खास बात यह है कि आंदोलन में जहां शिक्षकों की तादाद सबसे अधिक है। वहीं अधिकांश विभागों के पेंशन रहित अधिकारी, कर्मचारी भी पूर्ण मनोयोग से अपना सहयोग प्रदान कर रहे हैं। आंदोलन के दूसरे दिन स्कूल, कॉलेजों में सुबह से ही शिक्षक, कर्मचारी काली पट्टियां बांधकर अपना विरोध दर्ज कराते दिखाई दिए। सरकारी कार्यालयों में भी कर्मचारी पहुंचे तो सही, लेकिन उपस्थिति की औपचारिकता निभाने के बाद तहसील मुख्यालयों पर आंदोलन में शामिल हुए। विभिन्न कार्यों से लोग तहसील व अन्य विभागों में चक्कर काटते दिखे।
मुख्यालय पर सदर तहसील के कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली मंच के बैनर तले धरना प्रदर्शन में शिक्षक व कर्मचारी नेताओं ने सरकार को आड़े लेते हुए अपना आक्रोश व्यक्त किया। अध्यक्ष राकेश चौहान ने कहा कि एक दिन का सांसद और विधायक जीवन पर्यंत पेंशन का हकदार होता है तो 25 से 30 साल की सेवाएं देने वाले सरकारी कर्मचारी को पेंशन से वंचित किया जाना संविधान के विपरीत है। जो व्यवस्था आजादी के बाद से चली आई उसे समाप्त कर सरकार ने सरकारी कर्मचारियों का मनोबल गिराया है। माध्यमिक शिक्षक संघ के शिवप्रताप ¨सह ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाल होनी चाहिए। अन्य कई राज्यों में भी पेंशन की व्यवस्था लागू है। घनेंद्र यादव ने कहा कि केंद्र और प्रदेश में भाजपा की सरकारें हैं और भाजपा नेता पूर्व में पुरानी पेंशन के हिमायती रहे, लेकिन अब सत्ता में होने के बावजूद भी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। यदि यही हाल रहा तो सभी सरकार का चुनाव में विरोध करेंगे। मुनेश सिसौदिया, मुनीष यादव ने एकजुट होकर आगे भी आंदोलन को धार देने की बात कही। धरना को ओमेंद्र चौहान, यज्ञदेव भारद्वाज, भरतवीर, संजय चौहान, अमित यादव, ईश्वर दयाल, सूरजपाल, आलोक वाष्र्णेय आदि ने संबोधित किया। इस दौरान गजेंद्र ¨सह, कुशलेंद्र पाल, विनोद कश्यप, मुकेशचंद्र, दिनेश वर्मा, दीपेंद्र ¨सह, राजन ¨सह, सतेंद्र कुमार, नेम ¨सह वर्मा, गिरीशचंद्र के अलावा काफी संख्या में शिक्षक, शिक्षिकाएं व विभिन्न विभागों के कर्मचारी मौजूद थे।