अधर में लटका टीबी अस्पताल, भटक रहे मरीज
परामर्श और जांच के लिए मरीज सीएमओ कार्यालय परिसर में ही पहुंच रहे जानकारी देने वाला वहां कोई नहीं
एटा: डाक बगलिया से हटाकर आइटीआइ परिसर में पहुंचाए गए टीबी अस्पताल का संचालन अभी तक शुरू नहीं हो सका है। इससे मरीज परेशान हैं। मरीज सीएमओ कार्यालय में पहुंचकर जांच के लिए पूछताछ कर रहे हैं, लेकिन कोई भी बताने वाला नहीं है। निराशा होकर मरीज और उनके तीमारदार लौट जाते हैं।
मेडिकल कालेज के अंतर्गत जिला अस्पताल, महिला अस्पताल और डाक बगलिया में सीएमओ कार्यालय परिसर की जमीन पर 300 बेड का अस्पताल बनाया जाना है। विभिन्न 17 निर्माण कार्य ध्वस्तीकरण के लिए चिह्नित किए गए। इनमें टीबी अस्पताल भी शामिल है। पखवाड़े भर पहले इस भवन को खाली करा लिया गया। कार्यालयों के सामान सहित लैब के उपकरण आदि सभी आइटीआइ परिसर में आवंटित एक भवन में पहुंचा दिए गए हैं, लेकिन अभी तक संचालन शुरू नहीं हो पाया है। परामर्श और जांच के लिए मरीज सीएमओ कार्यालय परिसर ही पहुंच रहे हैं। यहां इस विषय पर जानकारी देने वाला भी कोई नहीं है। बुधवार को चमकरी से आए युवक संजय ने बताया कि उसके पिता को कई दिनों से खांसी-बुखार की समस्या है। टीबी के संदेह पर जांच-परामर्श के लिए यहां लाए हैं, लेकिन यहां ताला लगा हुआ है और कोई जानकारी नहीं दे रहा कि इलाज के लिए कहां जाना है? उनको निराशा होना पड़ रहा है।
जिला क्षय रोग केंद्र को आइटीआइ परिसर में स्थित केंद्रीय विद्यालय के पुराने भवन में शिफ्ट करा दिया गया है। दो-चार दिन में स्थापना का कार्य पूरा होते ही सभी सुविधाएं शुरू कर दी जाएंगी।
- डा. अरविद कुमार गर्ग, सीएमओ