मॉडल गांवों में भी मिट्टी की सेहत ज्यादा खराब
किसानों की अपनी मनमानी से मिट्टी की सेहत खराब होने के परिणाम मॉडल ग्रामों में भी सामने आए हैं। मारहरा के सूरतपुर माफी तथा शीतलपुर के भागपुर गांव में आयोजित कृषक मेले में जब मृदा स्वास्थ्य कार्ड बांटे गए तो यह स्थिति सामने आई। दोनों ही ग्रामों में 25
एटा, जागरण संवाददाता: किसानों की अपनी मनमानी से मिट्टी की सेहत खराब होने के परिणाम मॉडल ग्रामों में भी सामने आए हैं। मारहरा के सूरतपुर माफी तथा शीतलपुर के भागपुर गांव में आयोजित कृषक मेले में जब मृदा स्वास्थ्य कार्ड बांटे गए तो यह स्थिति सामने आई। दोनों ही ग्रामों में 258 किसान ऐसे हैं, जिनके खेत की मिट्टी का स्वास्थ्य खराब पाया गया। ऐसे किसानों को मिट्टी उपचार के लिए अब सरकार अनुदान देगी।
सूरतपुर माफी में कुल 274 मृदा स्वास्थ्य कार्ड बांटे गए, जिनमें 162 किसान ऐसे थे, जिनकी मिट्टी में तमाम खामियां पाई गईं। ठीक इसी तरह भागपुर में 277 में से 96 किसानों को चिन्हित किया गया है। सोमवार को इन ग्रामों में जिला कृषि अधिकारी एमपी सिंह तथा उपनिदेशक विजय शंकर की मौजूदगी में मेला आयोजित कर मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए गए। मिट्टी के परिणामों तथा आंकड़ों को लेकर अधिकारियों ने किसानों को चेताया तथा स्पष्ट किया कि अब भी समय है जब मिट्टी को आवश्यक पोषकतत्वों से स्वस्थ किया जा सकता है। प्रभारी मृदा परीक्षण प्रयोगशाला कोमल प्रताप सिंह ने बताया कि संतुलित उर्वरकों का प्रयोग मृदा कार्ड के अनुरूप किया जाना चाहिए। अन्य वक्ताओं ने भी रासायनिक खादों के बजाय जैविक खादों के प्रयोग पर जोर दिया। इस दौरान किसानों को बताया गया कि जिन किसानों की मिट्टी का हाल खराब है, उन्हें अपने खेतों में पोषकतत्वों के लिए 2500 रुपये प्रति हेक्टेयर तक का अनुदान दिया जा रहा है। इस दौरान देवेंद्र सिंह, सोहनपाल शर्मा, बदन सिंह, सुमित शर्मा, विनोद कुमार के अलावा संबंधित गांव के प्रधान व कृषक मौजूद रहे।