पश्चिम बंगाल से हरियाणा तक मछली के प्रतिबंधित बीज की तस्करी
पश्चिम बंगाल से लेकर हरियाणा तक मछली के प्रतिबंधित बीज की तस्करी का मामला सामने आया है। थाना मलावन पुलिस ने मंगलवार को एक ट्रक प्रतिबंधित बीज बरामद किया है। संक्रमण फैलाने वाली यह मछली इंसान के लिए बहुत घातक है लेकिन तस्कर फिर भी इसका उपयोग कर रहे हैं।
एटा, जागरण संवाददाता : पश्चिम बंगाल से लेकर हरियाणा तक मछली के प्रतिबंधित बीज की तस्करी का मामला सामने आया है। थाना मलावन पुलिस ने मंगलवार को एक ट्रक प्रतिबंधित बीज बरामद किया है। संक्रमण फैलाने वाली यह मछली इंसान के लिए बहुत घातक है, लेकिन तस्कर फिर भी इसका उपयोग कर रहे हैं। पुलिस ने तीन तस्करों को भी गिरफ्तार किया है, जिनसे पूछताछ में पता चला है कि तमाम स्थानों पर मछली के इस बीज की आपूर्ति पूर्व में भी की गई है। एटा जिले में पहली बार इस तरह के मामले का पर्दाफाश हुआ है।
थाना मलावन क्षेत्र से होकर हरियाणा का एक ट्रक हाईवे पर जा रहा था। पुलिस की टीम चेकिग कर रही थी। जब इस ट्रक को रोककर तलाशी ली गई तो उसमें मछली का बीज मिला। ट्रक पर सवार आरोपित खुद को कारोबारी बताते रहे। जब तस्करों से पूछताछ हुई तो उन्होंने जानकारी दी कि पश्चिम बंगाल से वे इस बीज को लेकर आ रहे हैं और हरियाणा के सोनीपत जिले में पहुंचाना है। लेकिन कुछ पुलिस कर्मियों को इस मछली की पहचान थी, उन्हें शक हुआ कि यह प्रतिबंधित है। थाना प्रभारी प्रवीण कुमार सिंह ने जब बरामद किए गए मछली के बीज के बारे में एक्सपर्ट से बात की तो पता चला कि यह थाई मामूर मछली है जो मांसाहारी होती है। मगर संक्रमण फैलाती है। पर्यावरण को भी इससे खतरा रहता है इसलिए अदालत के आदेश पर इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
यह मछली मात्र एक से दो माह के भीतर बड़ी हो जाती है, इसलिए तस्करों को अच्छा खासा मुनाफा होता है। यही वजह है कि प्रतिबंध के बावजूद इसका उत्पादन किया जाता है। थाना प्रभारी ने बताया कि ट्रक के अंदर मिनी तालाब सा बना रखा था, जिसमें 25 टन मछली के बच्चे थे। इन सभी को जमीन में दफना दिया गया है, जबकि तस्करों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। पुलिस ने ट्रक चालक नवल किशोर निवासी गांव अकबेरपुर थाना भोगांव जिला मैनपुरी, सफीकुल गाजी निवासी दक्षिण देवीपुर उत्तर पारा 24 परगना पश्चिम बंगाल, मानिकदास निवासी विजय नगर नेहाटी 24 परगना उत्तर पश्चिम बंगाल को गिरफ्तार किया गया है। इस बीच मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य पालक विकास अभिकरण राधेलाल ने बताया कि मछली का बीज प्रतिबंधित है। इस मछली को खाने से इंसान में संक्रमण फैलता है तथा पर्यावरण के लिए भी बेहद घातक है।