विद्यालय और परिवार शिशु के सहयोगी पहिए
केशव शिशुमंदिर में हुआ अभिभावक सम्मेलनकार्यक्रम पर प्रांत कार्यवाह ने बताए कई नुस्खे
जागरण संवाददाता, एटा: विद्यालय और परिवार शिशुओं के सहयोगी दो पहिए समान हैं। शिशुओं को संस्कारित करने में आचार्यों के साथ साथ माता पिता की अहम भूमिका होती है। यह विचार गुरुवार को शहर के भारतीय नगर स्थित केशव शिशु मंदिर के सभागार में आयोजित अभिभावक सम्मेलन में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रांत कार्यवाह राजपाल सिंह ने व्यक्त किए।
स्वामी विवेकानंद शिक्षा प्रसार समिति के अध्यक्ष क्षेत्रपाल उपाध्याय ने कहा कि शिशु घर का दीपक होता है। विद्यालय के साथ साथ परिवार के सहयोग से शिशु का सम्पूर्ण विकास सम्भव है। प्रधानाचार्य ज्ञानसिंह वर्मा ने कहा कि अभिभावक अपना उत्तरदायित्व अगर अच्छे ढंग से निभाएं तो विद्यालय का योगदान शिशु के शिक्षण में चार चांद लगा सकता है। इसके अलावा विद्यालय व्यवस्थापक विनीत कुमार राठी, विजय वाष्र्णेय तथा अध्यक्ष दिनेशपाल सिंह, प्रमोद कुमार दीक्षित, सह व्यवस्थापक इंजी. विक्रम सिंह प्रेमी, चंद्रकांत मिश्र, विजय मधुकर व मातृसंस्था के मंत्री ब्रजनंदन माहेश्वरी ने भी परिवार और विद्यालय के तालमेल से शिशुओं के उत्थान के लिए कई बिदुओं पर जानकारियां दीं।
इस अवसर पर अभिभावक सम्मेलन में आचार्य मनवीर सिंह, सुरेश कुमार, प्रमोद, दुर्गपाल सिंह आदि आचार्यों ने मेधावी आयुष, विष्णुकुमार, प्रियांशु, वर्णिका सिंह, श्रेया राजपूत को पुरुस्कृत किया गया। कार्यक्रम में आचार्य रूपकिशोर, ललित, रवीश, अनेक प्रकाश, सत्यप्रकाश, नेमसिंह, बदन सिंह, सुमन, शालिनी, शैलजा आदि के अलावा अभिभावक तरुणदीक्षित, विशाल तिवारी, प्रेमपाल सिंह आदि मौजूद थे।