वोट फीसद बढ़ाने को आरएसएस ने कसी कमर
कोरोना संक्रमण के बीच राजनीतिक दलों को वोट फीसद को लेकर चिंता घर-घर जाकर लोगों को कर रहे जागरूक
जासं, एटा : कोरोना संकट काल में जिस गति से संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है, उसने राजनीतिक दलों के माथे पर चिता की लकीरें उकेर दी हैं। वोट फीसद बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अपने अनुसांघिक संगठनों के साथ मैदान में आ गया है। कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों से अपीलें कर रहे हैं कि मतदान के दिन वे वोट डालने जरूर जाएं।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की हाल ही में हर विधानसभा क्षेत्र में बड़ी समन्वय बैठक हुई थीं। इनमें वोट फीसद बढ़ाने के लिए रणनीति बनाई गई। इसके तहत यह तय किया गया कि विश्व हिदू परिषद, बजरंग दल, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, संस्कार भारती, सेवा भारती, किसान संघ जैसे संगठन अपने-अपने स्तर से वोट फीसद बढ़ाने के लिए जुटेंगे। संघ की जो बैठक हो रही हैं उनमें यही आह्वान किया जा रहा है कि मतदान के दिन ज्यादा से ज्यादा लोगों को केंद्रों तक पहुंचाएं। दरअसल, राजनीतिक पार्टियों को यह आशंका बनी हुई है कि कोरोना के कारण वोट फीसद कम रह सकता है। चुनावी इतिहास गवाह है कि वोट फीसद अगर कम रहता है तो कई पार्टियों को नुकसान झेलना पड़ता है। समीकरण ढेर हो जाते हैं। जब-जब अच्छे फीसद से मतदान हुआ है तो पार्टियों को लाभ हुआ है और प्रत्याशियों की बंपर वोटों से जीत हुई है। आंकड़ों को अगर उठाकर देखें तो बंपर मतदान का लाभ संघर्ष में रहने वाले प्रत्याशियों को मिलता रहा है। संघ के अलावा प्रशासन भी वोट फीसद बढ़ाने के लिए जुटा हुआ है। तमाम संगठनों की मदद ली जा रही है, जागरूकता स्वीप कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। आरएसएस के जिला प्रचारक विशाल ने बताया कि मतदान करना हम सबका फर्ज है और संघ यही प्रयास कर रहा है कि मतदान फीसद बढ़े, इसके लिए कार्यकर्ता जुटे हुए हैं।