पंचायतों की जांच करने वाले अधिकारियों को दिया रिमाइंडर
छह से आठ माह में भी जांच पूरी नहीं हो सकी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पा रही
जासं, एटा: प्रशासक तैनाती के वक्त कई ग्राम पंचायतों में निर्धारित सीमा से अधिक धनराशि खर्च की थी। इसकी शासन स्तर से जांच कराई जा रही है। इसके लिए अलग-अलग अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। छह से आठ माह बीत चुके हैं। इसके बाद भी जांच पूरी नहीं हो सकी है। एडीपीआरओ ने सभी जांच अधिकारियों को अनुस्मारक पत्र जारी किया है। डीएम की अध्यक्षता में जांच अधिकारियों की बैठक कराई जाएगी।
प्रधानों का कार्यकाल खत्म होने के बाद ग्राम पंचायतों पर प्रशासक नियुक्ति किए गए थे। उस वक्त शासन ने 25 लाख रुपये तक ही विकास कार्य में धनराशि खर्च किए जाने का प्रविधान रखा था। इसके बाद भी जिले की पांच ग्राम पंचायतों में 50 से 75 लाख रुपये तक विकास कार्य के नाम पर खर्च कर दिए थे। इसे लेकर शासन से जिरस्मी, बरई, सहोरी, गुदाऊ और लोहचा नाहरपुर पंचायतों में हुए विकास कायरें की जांच शुरू कराई है। जांच शुरू हुए छह और आठ माह का समय बीत चुका है। इसके बाद भी जांच अधिकारी पूरी पड़ताल नहीं कर सके हैं। इसे लेकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पा रही है। वहीं एडीपीआरओ मनोज कुमार त्यागी ने बताया कि डीएम के आदेश पर सभी जांच अधिकारियों को रिमाइंडर दिया गया है। इसके बाद जिलाधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल के समक्ष जांच अधिकारियों की बैठक कराई जाएगी।