गंदी चादरों और बदबू भरे माहौल में रैन बसेरा
शहर के रोडवेज बस स्टैंड पर पालिका द्वारा बनवाया गया रैन बसेरा अव्
एटा, जागरण संवाददाता : शहर के रोडवेज बस स्टैंड पर पालिका द्वारा बनवाया गया रैन बसेरा अव्यवस्थाओं का शिकार है। चादरें कई-कई दिन तक बदली नहीं जातीं तो साफ-सफाई के अभाव में इसके अंदर बदबूदार माहौल बना हुआ है। ऐसे में लाचार लोगों को छोड़ कोई यात्री आदि इसमें ठहरना पसंद नहीं करते।
बेघर, यात्री आदि जरूरतमंदों को ठंड से बचाने के लिए पालिका हर साल सर्दियों में बस स्टैंड पर अस्थायी रैन बसेरा बनवाती है। पिछले वर्षों में बिस्तरों की व्यवस्था जमीन पर रहती थी। बरसात के समय कीचड़ से अव्यवस्था रहती थी। इस बार यहां चारपाइयों का इंतजाम कराया गया है। रैन बसेरा का संचालन 11 दिसंबर से शुरू किया गया। शुरुआती दिनों में डीएम, एसएसपी, ईओ ने यहां निरीक्षण भी किए और व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रहीं। तीन शिफ्ट में तीन कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। ठहरने वालों की संख्या भी खूब रही।
अभी तक 268 लोग यहां रात में आश्रय पा चुके हैं। लेकिन अधिकारियों के निरीक्षण में लंबे गैप के चलते अब लापरवाही हावी हो चली है। यहां साफ-सफाई का अभाव है, जिसके चलते बदबू बनी रहती है। चारपाइयों पर बिछी चादरें एक-एक हफ्ते तक बदली नहीं जा रहीं। गंदी चादरों पर लेटना लोगों को मुश्किल महसूस होता है। जिसके चलते बेहद जरूरतमंद और लाचार लोग तो जैसे-तैसे रुक रहे हैं। जबकि बसों का इंतजार करने वाले यात्री भले ही बस स्टैंड के अंदर खुले में लेटे-बैठे रहें, लेकिन रैन बसेरा में घुसने तक को तैयार नहीं होते। जो लोग ठहर रहे हैं, उनके लिए पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं है। उन्हें बस स्टैंड के अंदर टंकी के बर्फ जैसे ठंडे पानी से प्यास बुझानी पड़ रही है। जबकि हाल ही में मुख्यंमत्री लखनऊ में रैन बसेरा के निरीक्षण के दौरान गर्म पानी उपलब्ध कराने के निर्देश दे चुके हैं।
वर्जन
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हर दूसरे दिन बिस्तरों से चादर बदलने के निर्देश दिए गए हैं। यदि कोई लापरवाही की जा रही है तो कार्रवाई की जाएगी। ठहरने वाले लोगों के लिए गर्म पानी की व्यवस्था जल्द कराई जाएगी।
- डॉ. दीप कुमार वाष्र्णेय, ईओ एटा नगर पालिका