शहर ने ली सांस, वातावरण हुआ साफ
कोरोना से जंग जीतने के लिए जनता कर्फ्यू ने अप्रत्यक्ष रूप से शहर को दूस
एटा, जागरण संवाददाता : कोरोना से जंग जीतने के लिए जनता कर्फ्यू ने अप्रत्यक्ष रूप से शहर को दूसरा फायदा भी पहुंचाया। आम दिनों में सुबह से रात तक यातायात और भीड़ से दबी रहने वाली सड़कों को आजादी मिली। शहर में वाहनों की आवाजाही बेहद कम रहने से प्रदूषण में कमी और पर्यावरण में शुद्धता आई।
वातावरण में विभिन्न तत्वों के समावेश से उसकी शुद्धता तय की जाती है। इन तत्वों की निर्धारित मानक से अधिक मात्रा होने पर प्रदूषण की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। आमतौर पर सर्दियों में धुंध बढ़ने पर, पराली जलाए जाने पर और दीपावली पर पटाखों के धुएं से एक्यूआइ का स्तर अचानक से बढ़ जाता है। इस दीपावली के दरम्यान यह बढ़कर 300 माइक्रोग्राम प्रति मीट्रिक क्यूब से ऊपर पहुंच गया था। जिसके चलते लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। इसके बाद एक्यूआइ में कमी आई। लेकिन शहर में वाहनों की भारी भीड़ के चलते औसत रूप से इसका स्तर 100 से 150 तक रहता है। जबकि पिछले दो दिनों में अचानक से इसका स्तर बढ़ा। शुक्रवार को यह अधिकतम 200 तक रहा। वहीं, शनिवार को तो 300 तक पहुंच गया।
पर्यावरण को लेकर चितित लोगों के लिए रविवार का जनता कर्फ्यू अच्छी खबर लाया। सड़कों पर वाहन दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहे थे। बड़े भारी और चार पहिया वाहनों के अलावा दुपहिया वाहन तक नहीं चले। इसका पर्यावरण को काफी फायदा हुआ। सुबह के समय कुछ ज्यादा 166 पर था। इसके बाद यह लगातार घटा और दोपहर बाद 66 तक पहुंच गया। यह स्तर स्वास्थ्य के लिहाज से अच्छा माना जा सकता है।
यह है एक्यूआइ के पैरामीटर
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0-50 अच्छा
51-100 औसत
101-200 मध्यम
201-300 खराब
301-400 ज्यादा खराब
400 से ऊपर बेहद खतरनाक