शराब माफियाओं के बुलंद हैं हौसले
जागरण संवाददाता, एटा: कच्ची शराब का गोरखधंधा करने वाले माफियाओं के हौसले इतने बुलंद है।
जागरण संवाददाता, एटा: कच्ची शराब का गोरखधंधा करने वाले माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे कभी भी पुलिस और आबकारी टीम पर हावी होने की कोशिश कर लेते हैं। कभी-कभी तो वे सीधे भिड़ने को तैयार हो जाते हैं। जैथरा क्षेत्र के गांव छोटी जरारी में आबकारी टीम और पुलिस पार्टी पर हुआ हमला इसी की परिणति है। पूर्व में कई बार पुलिस पर हमले हो चुके हैं। पुलिसकर्मी घायल तक हो गए, लेकिन अवैध शराब का कारोबार करने वालों पर प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पाती।
छोटी जरारी में कच्ची शराब का धंधा चल रहा है। इसकी सूचनाएं ऐसा नहीं कि पुलिस और आबकारी टीम को पहली बार मिली हो, बल्कि बार-बार यह जानकारी मिलती रहती है फिर भी पुलिस वहां पूरी तैयारी से नहीं गई और उसे जान बचाने के लिए भागना तक पड़ा। इस हमले में आबकारी निरीक्षक दिनेश पासवान, जैथरा थाने के उपनिरीक्षक राजेश कुमार, आबकारी आरक्षी खालिद समेत तीन लोग घायल हुए। गांव में फाय¨रग तक हुई, लेकिन पुलिस सिर्फ दो महिलाओं को ही अभी तक गिरफ्तार कर पाई है। पूर्व की घटनाओं को देखें तो कई बार यह हमले हुए हैं। पुलिस पर 22 मई 2018 को वारंटी को पकड़ने गई टीम पर हमला किया गया। 25 जुलाई 2018 को कोतवाली देहात क्षेत्र के गांव दूल्हापुर में पुलिस पार्टी पर हमला हुआ। मारहरा क्षेत्र के गांव त्रिलोकपुर में दारोगा की रिवाल्वर तक लूट ली गई। मात्र एक दिन पूर्व दो दारोगाओं पर बदमाशों ने फाय¨रग कर दी। यह कुछ घटनाएं तो इसी वर्ष की हैं, लेकिन हमलों की सूची काफी लंबी है, जहां तक कच्ची शराब का धंधा करने की बात है तो उन पर कोई प्रभावी कार्रवाई न होने के कारण उनके हौसले बुलंद रहते हैं। यह लोग पकड़े जाते हैं और फिर आसानी से जमानत पर छूट जाते हैं। एटा शहर के आसपास के गांव नगला मदिया, नगला शीशिया, ¨हदूनगर आदि गांवों में भी यह धंधा चरम पर है।