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आपस में मिलाए सुलह के हाथ, निपटे हजारों वाद

एटा जासं। शनिवार को जनपद न्यायालय परिसर में आयोजित हुई राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायाधिकारियों के प्रयास रंग लाए। जब एक के बाद एक कर 8938 वादों का निपटारा हो गया। पक्षकारों ने परस्पर सुलह के हाथ मिलाए वहीं आपराधिक मामलों में आरोपियों ने अपने-अपने जुर्म का इकबाल करते हुए 2 करोड़ 66 लाख रुपया जुर्माना अदा करते हुए मामले निस्तारित कराए। वहीं 68.60 लाख रुपया याचियों को मुआवजा दिलाया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Sep 2019 11:16 PM (IST)Updated: Sun, 15 Sep 2019 06:26 AM (IST)
आपस में मिलाए सुलह के हाथ, निपटे हजारों वाद
आपस में मिलाए सुलह के हाथ, निपटे हजारों वाद

एटा, जासं। शनिवार को जनपद न्यायालय परिसर में आयोजित हुई राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायाधिकारियों के प्रयास रंग लाए। जब एक के बाद एक कर 8938 वादों का निपटारा हो गया। पक्षकारों ने परस्पर सुलह के हाथ मिलाए, वहीं आपराधिक मामलों में आरोपियों ने अपने-अपने जुर्म का इकबाल करते हुए 2 करोड़ 66 लाख रुपया जुर्माना अदा करते हुए मामले निस्तारित कराए। वहीं 68.60 लाख रुपया याचियों को मुआवजा दिलाया।

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जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में जनपद न्यायाधीश रेणु अग्रवाल ने कहा कि अदालतों में मुकदमों का भारी अंबार है। ऐसे में उन सभी मामलों को निपटाने के लिए समुचित प्रयास की जरूरत है। जो सिर्फ अहम के टकराव की वजह से अदालतों तक आ जाते है। इस प्रकार के मामलों में अदालती कार्रवाई नहीं आपस में दोनों पक्षों को बैठाकर बातचीत करने की जरूरत होती है। जिन्हें न्यायिक अधिकारियों व अधिवक्ताओं को मध्यस्थता के माध्यम से सुलझाने के लिए प्रयत्नशील होना चाहिए। कार्यक्रम में नोडल अधिकारी राष्ट्रीय लोक अदालत अशोक कुमार नवम, जिलाधिकारी सुखलाल भारती, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार सिंह, कलक्ट्रेट बार एसोसिएशन के सचिव संजय उपाध्याय ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम संचालन प्राधिकरण सचिव साधना कुमारी गुप्ता ने किया।

शाम तक चली राष्ट्रीय लोक अदालत में लघु आपराधिक वादों के साथ मोटर एक्सीडेंट क्लेम, उत्तराधिकार, सार्वजनिक जुआ अधिनियम, आबकारी अधिनियम, के साथ साथ बीएसएनएल, विभिन्न बीमा कंपनियों व बैंकों से जुड़े विवादों का निस्तारण हुआ। इस मौके पर प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय मृदुला कुमार, खलीकुज्जमा, रमेश, पारुल जैन, मनीष कुमार प्रथम, विपिन कुमार तृतीय, कुमार गौरव, कैलाश कुमार, रीतेश सचदेवा, रीमा मल्होत्रा, अनिल कुमार द्वादश, सौरभ कुमार वर्मा, मनींद्रपाल सिंह, शशांक गुप्ता, आकांक्षा बंसल, शरद श्रीवास्तव आदि न्यायाधिकारी, डीसीजी विनोद कुमार पचौरी, जितेंद्र कुमार, प्रदीपकांत, सेंट्रल नाजिर नाजिम अली, सीईओ अरुण बोहरा, नरेंद्र सिंह, कन्हीलाल शर्मा, योगेश सक्सेना समेत काफी संख्या में वादकारी मौजूद थे।


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