आपरेशन दस्तक-2 : 24 घंटे में 105 वारंटी और वांछित गिरफ्तार
जिलेभर में पुलिस द्वारा चलाए गए आपरेशन दस्तक-2 के तहत 24 घंटे के भीतर विभिन्न थानों की पुलिस ने 105 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया। बड़े पैमाने पर हुई कार्रवाई के दौरान रातभर ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में दनादन दबिश दी गई और आरोपियों को पकड़ा गया। इन्हीं आरोपियों में जलेसर क्षेत्र में पशु चोर समझ कर मंदबुद्धि युवक को लटकाकर पीटने वाला आरोपी भी शामिल है।
एटा, जासं। जिलेभर में पुलिस द्वारा चलाए गए आपरेशन दस्तक-2 के तहत 24 घंटे के भीतर विभिन्न थानों की पुलिस ने 105 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया। बड़े पैमाने पर हुई कार्रवाई के दौरान रातभर ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में दनादन दबिश दी गई और आरोपियों को पकड़ा गया। इन्हीं आरोपियों में जलेसर क्षेत्र में पशु चोर समझ कर मंदबुद्धि युवक को लटकाकर पीटने वाला आरोपी भी शामिल है।
एसएसपी स्वप्निल ममगाई के निर्देश पर चुनावी माहौल में विशेष अभियान चलाया गया, जिसमें 51 वारंटी और 14 वांछित अभियुक्त गिरफ्तार किए गए। पकड़े गए अभियुक्तों में दुष्कर्म, जानलेवा हमले, लूट, समेत अन्य कई मामलों में वांछित चल रहे आरोपी भी शामिल हैं। जलेसर क्षेत्र के गांव नगला अहीर में 16 मार्च को पशु चोर समझकर हाथरस जिले के मंदबुद्धि युवक को ग्रामीणों ने पीट-पीटकर मार डाला था, उसे पेड़ पर उल्टा लटकाया गया और उसके बाद पिटाई की गई, जिसकी उपचार के दौरान मौत हो गई थी। इस मामले में नगला अहीर के ही राजकुमार पुत्र सादीलाल के खिलाफ एफआइआर दर्ज थी, जिसे पुलिस ने उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। पिटाई का वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें राजकुमार युवक को पीटते हुए साफ दिखाई दे रहा है। उसके साथी आर्म्स एक्ट में कमल सिंह पुत्र वेदराम निवासी लोहचा थाना जलेसर को भी गिरफ्तार किया गया है।
एसएसपी ने पुलिस लाइन में आयोजित प्रेस कॉफ्रेंस में बताया कि इस विशेष आपरेशन में पांच थानों कोतवाली नगर, कोतवाली देहात, जैथरा, मिरहची, सकीट की भूमिका अहम रही। शहर कोतवाली ने 11, देहात ने भी 11, जैथरा-मिरहची ने 9-9 और सकीट पुलिस ने 7 अभियुक्त गिरफ्तार किए। इस दौरान अपर पुलिस अधीक्षक संजय कुमार भी मौजूद रहे। जिला अस्पताल में गहमागहमी
जिला अस्पताल की इमरजेंसी में उस समय गहमागहमी हो गई, जब एक साथ 105 आरोपियों को मेडिकल के लिए विभिन्न थानों की पुलिस लेकर पहुंची। पुलिसकर्मियों और गिरफ्तार किए गए लोगों से अस्पताल भर गया और ऐसे में व्यवस्थाएं संभालना मुश्किल हो गया। डॉक्टरों की ड्यूटियां लगाकर जैसे-तैसे स्थिति संभाली गई।