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जिला अस्पताल बनेगा ई-हॉस्पीटल, कंप्यूटर से होंगे काम

एटा: शासन के निर्देश पर जिला अस्पताल को ई-हॉस्पीटल बनाया जा रहा है। जिसकी तैयारियां की जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Apr 2018 05:10 PM (IST)Updated: Thu, 26 Apr 2018 10:50 PM (IST)
जिला अस्पताल बनेगा ई-हॉस्पीटल, कंप्यूटर से होंगे काम
जिला अस्पताल बनेगा ई-हॉस्पीटल, कंप्यूटर से होंगे काम

जागरण संवाददाता, एटा: शासन के निर्देश पर जिला अस्पताल को ई-हॉस्पीटल बनाया जा रहा है। जिसके तहत पंजीकरण, जांच, उपचार, दवा वितरण जैसे सभी काम कंप्यूटर के माध्यम से कराए जाएंगे। चिकित्सक भी कंप्यूटर पर ही मरीजों का विवरण और उपचार लिखेंगे।

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शासन से निर्देश मिलने के बाद यहां कवायद शुरू कर दी गई है। इसके अंतर्गत फिलहाल चार कंप्यूटर खरीदे जा चुके हैं। नई व्यवस्था से जहां अस्पताल में पेन-पेपर का इस्तेमाल बंद होगा। वहीं मरीजों को कई सहूलियतें मिलेंगी। ओपीडी रजिस्ट्रेशन से लेकर वार्डो में भर्ती मरीजों का ब्यौरा ऑनलाइन हो जाएगा। ओपीडी, इनडोर आदि से जुड़ी जानकारी पलक झपकते ही कंप्यूटर या मोबाइल पर मिल सकेगी। अफसर भी आसानी से अस्पताल की मॉनीट¨रग कर सकेंगे। इसका मरीजों को बहुत बड़ा फायदा पंजीकरण में होगा। ई-हॉस्पीटल व्यवस्था में पर्ची ऑनलाइन बनवाई जा सकेगी। हर डॉक्टर के चैंबर में भी कंप्यूटर रहेंगे। जिसमें वे हर मरीज का परीक्षण करने के साथ ही उससे संबंधित विवरण दर्ज करेंगे। अगली बार इस मरीज के आते ही एक क्लिक में उसकी परेशान, उपचार आदि खुलकर सामने आ जाएगा। इससे इलाज में काफी सहूलियत मिलेगी। वहीं पैरामेडिकल स्टाफ को जानकारी रहेगी कि भर्ती मरीज को कौन सी दवा दी जानी है। मरीज द्वारा पैथोलॉजिकल या अन्य टेस्ट कराए जाने पर भी उसके रजिस्ट्रेशन नंबर में इनका विवरण आ जाएगा। रिपोर्ट के लिए मरीज को लैब के चक्कर काटने की जरूरत नहीं होगी।

लोग बोले, कंप्यूटर नहीं, दवा और डॉक्टर चाहिए

जिला अस्पताल में किए जा रहे इस आधुनिकीकरण के बारे में जब आम लोगों से राय ली गई। नारायण नगर निवासी शिवस्वरूप मिश्रा ने कहा कि अस्पताल में पहले मूलभूत चिकित्सा सेवाओं में सुधार की जरूरत है। शांति नगर के सुनील श्रीवास्तव बोले कि अस्पताल में डॉक्टरों की काफी कमी है, दवाओं का भी टोटा है। इलाज के लिए ये सब पहले जरूरी है, कंप्यूटर नहीं।

अधिकारी की बात

शासन से प्राप्त निर्देशों का अनुसरण करने और प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन के लिए डॉ. राहुल वाष्र्णेय को इस योजना का नोडल अधिकारी बनाया है। अभी शुरुआती व्यवस्थाएं ही जुटाई जा रही हैं। विस्तार से दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं।

- डॉ. एसके मजूमदार, सीएमएस जिला चिकित्सालय


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