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बच्चों के इलाज को दवा नहीं, लीजिए नुस्खे

जिला महिला अस्पताल में नई पहल होने जा रही है। छोटी-मोटी बीमारिया

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Feb 2020 10:05 PM (IST)Updated: Sat, 08 Feb 2020 06:01 AM (IST)
बच्चों के इलाज को दवा नहीं, लीजिए नुस्खे
बच्चों के इलाज को दवा नहीं, लीजिए नुस्खे

एटा, जागरण संवाददाता: जिला महिला अस्पताल में नई पहल होने जा रही है। छोटी-मोटी बीमारियों में बच्चों को दवाओं के बजाए घरेलू नुस्खे बताए जाएंगे। ओपीडी खत्म होने पर दोपहर 2 बजे के बाद मौजूद रहकर शिशु रोग विशेषज्ञ और स्टाफ नर्स आने वाली माताओं व अन्य लोगों को बताएंगे कि हर परेशानी पर दवाओं की खुराक सही नहीं है। कुछ सावधानियों और घरेलू नुस्खों के जरिए इन्हें रोका जा सकता है। न्यूनतम दवा और अधिकतम जागरूकता के उद्देश्य से यह पहल लागू की जाएगी। लोगों को वीडियो क्लिप्स और बड़े शहरों के विशेषज्ञ चिकित्सकों से वीडियो कॉल के जरिए भी जानकारी दी जाएगी।

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शासन ने सभी सरकारी अस्पतालों को इस संबंध में निर्देश दिए हैं। जिला महिला अस्पताल इसे सबसे पहले लागू करने जा रहा है। शासन के निर्देशों के अलावा कुछ चीजें अपने स्तर से भी करने की योजना है। अस्पताल के सभाकक्ष में बेबी फ्रेंडली हॉस्पीटल बनाया जाएगा। जो दोपहर 2 से 3 बजे तक संचालित किया जाएगा। यहां महिलाओं को बताया जाएगा कि बच्चों को बीमारी से कैसे बचाया जाए और सर्दी-जुकाम जैसी छोटी-मोटी समस्या होने पर दवाओं का गैरजरूरी सेवन न कराया जाए। अस्पताल के सीएमएस डॉ. प्रदीप कुमार ने बताया कि बहुत सी महत्वपूर्ण बातें लोगों को नहीं पता होतीं। जैसे समय से पहले पैदा होने वाले कम वजन के बच्चों को आमतौर पर इंक्यूबेटर की जरूरत होती है। लेकिन कंगारू मदर केयर प्रणाली से भी यह काम किया जा सकता है। इसमें नवजात को मां सीने से चिपकाकर रखती है। इसके अलावा सर्दी-जुकाम होने पर शिशुओं को मां का दूध या बड़े बच्चों को अधिक पानी पिलाकर और शहद, नींबू जैसे कुछ देसी नुस्खों के जरिए आराम मिल सकता है। ऐसी ही चीजें बेबी फ्रेंडली हॉस्पीटल में समझाई जाएंगी। गंभीर स्थिति में किसी बच्चे के आने पर दवाएं भी दी जाएंगी और जरूरत होने पर बच्चे को उच्च अस्पताल के लिए रेफर भी किया जाएगा। यह होंगे प्रमुख परामर्श

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- प्रसव के एक घंटे के भीतर नवजात को मां का दूध पिलाना

- छह माह तक सिर्फ मां का दूध

- इसके बाद दो से चार वर्ष तक मां के दूध के साथ अन्य आहार

- बोतल से दूध पिलाने के दुष्प्रभाव

- साफ-सफाई के जरिए बीमारियों से बचाव

- दस्त लगने पर ओआरएस का इस्तेमाल

- मालिश करने के तरीके और इसका महत्व

- मौसम के अनुरूप आहार


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