नए फरमान से स्कूलों के कायाकल्प को झटका
पहले लॉकडाउन फिर प्रधानों की अनदेखी रही बाधा 30 फीसद स्कूलों में भी नहीं हो सके कार्य
एटा, जासं। बंद स्कूलों के कायाकल्प को लेकर शासन ने गंभीरता दिखाई, लेकिन अब पंचायती राज विभाग के नए निर्देशों के बाद फिर स्कूलों के अरमानों को झटका लगा है। इसके तहत पंचम वित्त आयोग की धनराशि के तहत पहले पंचायत घर तथा दूसरे शौचालयों पर खर्च करने के निर्देश दिए गए हैं। इस तरह स्कूलों का कायाकल्प फिर लटक गया है।
स्कूलों के कायाकल्प के लिए तो पिछले साल से ही जोर दिया जा रहा है। योजना के तहत पहले से ही प्रधान स्कूलों में काम कराने में आनाकानी कर रहे थे। पिछले वित्तीय वर्ष में जनवरी से ही मिशन कायाकल्प के अंतर्गत 14 बिदुओं से संबंधित कार्य पूर्ण कराने के लिए प्रधानों को निर्देशित किया गया था। जैसे-तैसे फरवरी-मार्च में काम शुरू हुए और फिर लॉकडाउन के कारण कायाकल्प लटक गया। एक जून से अनलॉक होने के बाद कुछ प्रधानों ने अधूरे कामों को शुरू कराया तो डोंगल भुगतान न होने से कार्य रुक गए।
अगस्त में कायाकल्प के कार्य शुरू होने की बारी आई तब तक पंचायती राज निदेशक के निर्देशों से फिर परेशानियां बढ़ गई। अब प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी निर्देशों का हवाला देकर कायाकल्प का कार्य कराने के मूड में नहीं है। इस तरह स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं के संतृप्त होने जैसी स्थिति इसीलिए है कि अब तक 30 फीसद स्कूल भी पूरी तरह से संतृप्त नहीं हो पाए हैं। अब फिर स्कूलों को ग्राम पंचायतों का मुंह ताकना होगा क्योंकि अभी से ग्राम पंचायतों में प्रधानी के चुनाव की सक्रियता देखी जा सकती हैं।
पंचायती राज निदेशक के निर्देशों में प्राप्त बजट से पंचायत घर तथा शौचालय निर्माण प्राथमिकता पर पूर्ण कराने हैं। उसके बाद ही स्कूलों पर बजट खर्च होगा। फिलहाल नए निर्देशों पर अमल कराया जा रहा है।
आलोक प्रियदर्शी, डीपीआरओ एटा