नमाज, रोजे व जकात ही इस्लाम का पैगाम
उर्स कासमी के समापन से पूर्व गुलशने बरकात पार्क में तकरीर करते हुए सज्जादानशीन सैयद नजीब हैदर नूरी ने कहा कि हर मुसलमान का फर्ज है कि वह पांच वक्त की नमाज पढ़े, अल्लाहताला की इबादत करे और अपने पीर से ताल्लुक बनाये रखे।
जागरण संवाददाता, मारहरा: उर्स कासमी के समापन से पूर्व गुलशने बरकात पार्क में तकरीर करते हुए सज्जादानशीन सैयद नजीब हैदर नूरी ने कहा कि हर मुसलमान का फर्ज है कि वह पांच वक्त की नमाज पढ़े, अल्लाहताला की इबादत करे और अपने पीर से ताल्लुक बनाये रखे। अपने ईमान पर कायम रहना, रोजे रखना, जकात करना और बेसहाराओं की मदद जरूरी है।
दरगाह खानकाहे बरकातिया पर उर्से कासमी का समापन रविवार को कुल शरीफ की फातिहा एवं तबर्रुकात की जियारत के साथ किया गया। गद्दीनशीन प्रोफेसर सैयद अमीन मियां कादरी ने मंच के माध्यम से जायरीनों की सलामती और मुल्क में चैनोअमन अता फरमाने की अल्लाह से दुआएं मांगीं। गुटखा, पान मसाला, तंबाकू और बीड़ी, सिगरेट आदि व्यसन पदार्थों का इस्तेमाल न करने का संकल्प दिलाया गया।
पूर्व पालिकाध्यक्ष परवेज जुबैरी, गुलाम उमर एड., कलीम दानिश कानपुर, फारूख मिदनापुरी, मुफ्ती निजामुद्दीन, मौलाना यासीन अख्तर मिस्वाही दिल्ली, मुफ्ती हनीफ कानपुर, मुफ्ती हनीफ बरेली, मौहम्मद अतीक बरकाती आदि के अलावा आस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, बांग्लादेश, जाम्बिया, नेपाल आदि के मेहमान भी उर्स में शामिल रहे। शनिवार की रात्रि खरकापोशी की रस्म अदा की गई। जिसमें सैयद अमीन मियां कादरी, बुजुर्गाें के लिबास पहनकर हवेली सज्जादगी से गुलशने बरकात पहुंचे। उर्स समापन से पूर्व जायरीनों को तबर्रुकात की जियारत कराई गयी। तकरीर के बाद गद्दीनशीन प्रो. सैयद अमीन मियां कादरी ने स्थानीय संस्था गुलामाने मुस्तफा और गुलामे रसूल कमेटी का शुक्रिया अदा किया। कमेटी सचिव मु. आमिल और मु. समीर खान की प्रशंसा की।
नाकाफी रहे यातायात इंतजाम:
गंतव्यों को जाने के लिए जायरीनों को खासी मशक्कत करनी पड़ी। यातायात के संसाधान नाकाफी थे। रेलवे स्टेशन पर पांव रखने को भी जगह नहीं थी। वहीं जायरीनों की भीड़ देख प्राइवेट वाहन चालकों ने भी रेट बढ़ा दिये। बावजूद इसके जायरीन कई कई घंटे वाहनों के इंतजार में खड़े रहे।