पूरे शहर में कीचड़, फिसल रहे राहगीर
बारिश के कारण पूरे शहर में कीचड़ हो गया है। ठंडी सड़क दल
एटा,जागरण संवाददाता : बारिश के कारण पूरे शहर में कीचड़ हो गया है। ठंडी सड़क दल-दल में तब्दील है तो गांधी मार्केट में सीवर की खोदाई के कारण मिट्टी में इतनी फिसलन है कि वाहन तो दूर पैदल भी लोग फिसल रहे हैं। शहरवासियों का मार्गों से निकलना मुश्किल हो रहा है। गांधी मार्केट से लगे अहाता भन्नामल के वाशिदे तो मुश्किल में फंस गए हैं। चारों ओर फिसलन की समस्या होने से बच्चे, बूढ़े और महिलाएं भी आवागमन की दुश्वारियों से जूझने को विवश हैं। जिन मार्गों पर सीवर खोदाई के बाद पाइप लाइनें बिछाई गईं हैं, उन पर हालात अधिक नाजुक हैं।
दरअसल, गुरुवार को हुई बेमौसम की वर्षा और ओलावृष्टि ने शहर की सूरत बिगाड़ दी है। चारों ओर कीचड़ ही कीचड़ है। सर्वाधिक हालात तो उन मार्गों के नाजुक हैं, जो क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। वर्षा से उत्पन्न जलभराव में नालों से कीचड़ उफनकर न सिर्फ सड़कों के गड्ढों में एकत्र हो गई हैं, बल्कि पूरे मार्ग पर दल-दल के हालात पैदा कर रही है। जिसके चलते लोगों का इन मार्गों से निकलना दूभर हो गया है। फिसलन की समस्या से वाहन चालकों के अलावा राहगीर भी परेशान हैं। यह स्थिति शहर के ठंडी सड़क से पीपल अड्डा मार्ग के अतिरिक्त नन्नूमल चौराहा से मेहतापार्क, और कैलाशगंज तक बनी हुई है। यही नहीं संजय नगर, हाजीपुरा, जाटवपुरा और जेल रोड से लालपुर तक क्षतिग्रस्त मार्गों की हालत भी कुछ ऐसी ही है। आवागमन की परेशानी का सबसे बुरा हाल तो उन मार्गों का है, जिन पर पिछले दिनों सीवर की खोदाई के बाद पाइप लाइन बिछाई गई थी। इनमें गांधी मार्केट गोदाम चौकी मार्ग पर दोनो ओर लगे चिकनी मिट्टी के ढेर से यहां के स्थानीय नागरिकों के साथ दुकानदारों और राहगीरों को फिसलन की समस्या से राह तय करना दुश्वार हो रहा है।
क्या कहते हैं नागरिक
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-मिट्टी को गड्ढों में भरवाकर यदि ईंट का बुरादा मार्ग पर डलवा दिया जाता तो फिसलन की समस्या नहीं रहती। अरुण कुमार
-स्कूली बचों की परीक्षाएं चल रही हैं। ऐसे में उन्हे स्कूल तक आने जाने में काफी दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है। राजेश कुमार
-मार्ग की परेशानियों के असर से महिलाएं और बुजुर्ग भी आहत है। वे बीमारी में इलाज कराने से महरूम हो रहे हैं। विनायक गुप्ता
-जलनिगम प्रशासन को क्षतिग्रस्त मार्गों पर गड्ढे भरवाकर उन्हे आवागमन के अनुकूल बनाने के प्रयास करने चाहिए। रामसनेही सिंह