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मच्छर जागे तो जिम्मेदार सो गए जिम्मेदार

मई-जून में मच्छर रोधी दवाओं के छिड़काव का अभियान खूब चला। शहर ही नहीं गांवों में फागिंग कराई गई।

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Aug 2018 10:48 PM (IST)Updated: Wed, 22 Aug 2018 10:48 PM (IST)
मच्छर जागे तो जिम्मेदार सो गए जिम्मेदार
मच्छर जागे तो जिम्मेदार सो गए जिम्मेदार

जागरण संवाददाता, एटा: मई-जून में मच्छर रोधी दवाओं के छिड़काव का अभियान खूब चला। शहर ही नहीं गांवों तक में फॉ¨गग कराई गई। जबकि उस समय मच्छर नाम मात्र को ही थे। अब असल मौसम आया है। बरसात के पानी से जगह-जगह जलभराव हो रहा है। जिसमें मच्छर तेजी के साथ पनप रहे हैं।

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दो-तीन वर्ष पहले तक संसाधनों का रोना रहता था। जिसके चलते फॉ¨गग और स्प्रे नहीं हो पाता था। लेकिन अब ऐसा नहीं है। स्वास्थ्य विभाग को 16 फॉ¨गग मशीन दी गई हैं। हर ब्लॉक पर दो मशीनें देकर गांव-गांव फॉ¨गग कराए जाने के निर्देश हैं। इसके अलावा नगर निकाय क्षेत्रों में भी फॉ¨गग और लार्वा रोधी दवाओं के लिए काफी उपकरणों की खरीद की गई है। इसका असर भी इस गर्मी के शुरुआत से देखने को मिला। मई-जून में तो बड़े स्तर पर अभियान चलाकर फॉ¨गग कराई गई। शहरी इलाकों सहित गांव-गांव में भी मशीन लेकर गाड़ियां फॉ¨गग करती नजर आ जाती थीं। यह बात अलग है कि तेज धूप और शुष्क मौसम में मच्छरों की संख्या सीमित ही थी। जरूरत इस समय अधिक है, जब बारिश का पानी जगह-जगह भर रहा है।

मच्छरों की अधिकता से लोग परेशान हैं। उन्हें घरों में रात ही नहीं दिन में भी मच्छर रोधी साधनों का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। इसके बावजूद मलेरिया के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। इन परिस्थितियों में अब न तो ग्रामीण इलाकों और न ही नगरीय क्षेत्रों में फॉ¨गग तथा लार्वा रोधी दवाओं के छिड़काव को लेकर कोई सक्रियता नजर आ रही है। जिसे लेकर लोग असंतुष्ट हैं। गलियां राम भरोसे

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अभियान चलाए भी जाते हैं तो सबसे पहले अधिकारियों के आवास व कार्यालय वाले इलाकों में फॉ¨गग कराई जाती है। जिससे अफसरों को काम नजर आए। इसके बाद अन्य पॉश कालोनियों तथा सड़कों पर फॉ¨गग वाली गाड़ी घुमा दी जाती है। जबकि गलियों में लोग इंतजार करते ही रह जाते हैं। इसके पीछे विभाग का तर्क रहता है कि गाड़ी पतली गली में नहीं पहुंच पाती है। हालांकि, लोगों का कहना है कि पहले पतली गलियों में भी रिक्शे आदि के जरिए फॉ¨गग कराई जाती थी। अब ऐसा नहीं होता है। वर्जन

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देहात क्षेत्रों में फॉ¨गग कराई जा रही है। हर दिन तीन-चार गांवों में फॉ¨गग की रिपोर्ट मिल रही है। अगर नगरीय क्षेत्रों में हमसे सहयोग मांगा जाएगा, तो इसके लिए भी तैयार हैं।

- हरप्रसाद, जिला मलेरिया अधिकारी

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नगर पालिका में दवाओं का पर्याप्त स्टॉक है। लेकिन बरसात के दौरान दवा का छिड़काव प्रभावी नहीं होता है। बरसात रुकने पर फॉ¨गग और लार्वा नाशक दवाओं का छिड़काव कराया जाएगा।

- लोकेंद्र ¨सह, ईओ नपाप एटा


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