प्रशासन की मेजबानी में बिना फेरे हो गई शादियां - फोटो
एटा, जासं। शुक्रवार को सामूहिक विवाह के सरकारी कार्यक्रम में गायत्री परिवार के आचार्य मंच से फेरों का निर्देश दे रहे थे, कह रहे थे कि खड़े हो जाइए, अब फेरे लीजिए। इस दौरान कुछ जोड़े फेरे लेने लगे तो कुछ नहीं लेने लगे। जब इनसे कहा कि फेरे क्यों नहीं लेते तो पीछे से किसी परिजन की आवाज आई कि फेरे तो असली शादी में लेने हैं। बेटा फिलहाल तुम ऐसे ही खड़े रहो। परिजनों के आदेश मानकर कुछ जोड़े चुपचाप खड़े रहे। इससे प्रतीत हो रहा था कि प्रशासन ने अपना सरकारी कॉलम पूरा करने के लिए इन्हें सामूहिक विवाह में लाकर खड़ा कर दिया है।
एटा, जासं। शुक्रवार को सामूहिक विवाह के सरकारी कार्यक्रम में गायत्री परिवार के आचार्य मंच से फेरों का निर्देश दे रहे थे, कह रहे थे कि खड़े हो जाइए, अब फेरे लीजिए। इस दौरान कुछ जोड़े फेरे लेने लगे तो कुछ नहीं लेने लगे। जब इनसे कहा कि फेरे क्यों नहीं लेते तो पीछे से किसी परिजन की आवाज आई कि फेरे तो असली शादी में लेने हैं। बेटा फिलहाल तुम ऐसे ही खड़े रहो। परिजनों के आदेश मानकर कुछ जोड़े चुपचाप खड़े रहे। इससे प्रतीत हो रहा था कि प्रशासन ने अपना सरकारी कॉलम पूरा करने के लिए इन्हें सामूहिक विवाह में लाकर खड़ा कर दिया है।
एटा महोत्सव में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत प्रशासन 151 शादियों का मेजबान बना। योजना के तहत महोत्सव में यह पहला कार्यक्रम था। इसमें 200 शादियां कराने का लक्ष्य तय किया गया था। लेकिन अंत समय तक 161 शादियों के लिए ही आवेदन फाइनल हो सके। प्रदर्शनी पंडाल में पूरी तैयारियों के साथ सामूहिक विवाह कार्यक्रम शुरू कराया। इसमें 151 जोड़े ही शादी के लिए पहुंचे। इस दौरान जहां कई जोड़ों ने फेरे ही नहीं लिए तो वहीं कई दुल्हनों की मांग पहले से भरी हुई थी। वर-वधू के परिजन भी उन्हें यही समझा रहे थे कि फेरे अभी नहीं लेने हैं, बाद में जब शादी होगी तब लिए जाएंगे। यही स्थिति कन्याओं की मांग में ¨सदूर भरने के निर्देश पर कई जोड़ों में दिखी। इन्हें देखकर साफ लग रहा था कि वे केवल योजना का लाभ उठाने और प्रशासन की कॉलम पूर्ति के लिए आए हैं। इनमें 145 ¨हदू जोड़ों और छह मुस्लिम जोड़े विवाह के लिए शामिल हुए। इस दौरान जोड़ों का चयन करने वाले अधिकारी-कर्मचारी वहां खड़े सब देख रहे थे। प्रतीत हो रहा था कि उन्हें भी पूरी जानकारी थी। कार्यक्रम के दौरान मौजूद डीएम आइपी पांडेय और सीडीओ उग्रसेन पांडेय ने नवविवाहित जोड़ों को मोबाइल फोन भेंट कर आशीर्वाद दिया।