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पंचायत भवन और अंत्येष्टी स्थल को बनवाने में खा गए लाखों रुपये

मारहरा और सकीट क्षेत्र में तत्कालीन प्रधान सचिव और जेई से होगी रिकवरी डीएम ने दिए आदेश

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Jun 2021 06:09 AM (IST)Updated: Wed, 02 Jun 2021 06:09 AM (IST)
पंचायत भवन और अंत्येष्टी स्थल को बनवाने में खा गए लाखों रुपये
पंचायत भवन और अंत्येष्टी स्थल को बनवाने में खा गए लाखों रुपये

जासं, एटा: मारहरा क्षेत्र की ग्राम पंचायत सूरतपुर माफी में पंचायत भवन निर्माण में सामग्री निविदा प्रक्रिया से न खरीदने सहित अन्य कमियों को लेकर तत्कालीन प्रधान, सचिव और अवर अभियंता (जेई) से सरकारी धन वसूली करने का जिलाधिकारी ने आदेश दिया है। इसके अलावा सकीट क्षेत्र की चिलासनी ग्राम पंचायत क्षेत्र में बनाए गए अंत्येष्टी स्थल निर्माण में धन का बंदरबांट होना पाया गया। इस पंचायत में भी वसूली का डीएम ने आदेश जारी किया है।

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वर्ष 2019 में मारहरा क्षेत्र की ग्राम पंचायत सूरतपुर माफी में पंचायत भवन निर्माण के लिए दोनों किस्त के 13 लाख से अधिक का धन निकाल लिया गया था। इसके बाद निर्माण कार्य के लिए सामग्री बिना निविदा प्रक्रिया के खरीद ली गई। भवन के पीछे की दीवार भी ठीक नहीं बनाई गई। बिना माप पुस्तिका के भुगतान कर दिया गया। शौचालय का निर्माण अनुमोदित ड्राइंग के अनुसार नहीं किया गया। इस तरह से अन्य कमियां तकनीकी जांच में पाई गई। इसे लेकर जिलाधिकारी डा. विभा चहल ने 69 हजार 840 रुपये तत्कालीन प्रधान से और इतनी ही धनराशि सचिव एवं ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अवर अभियंता से वसूल करने का आदेश दिया है। वहीं दूसरी तरफ सकीट क्षेत्र की ग्राम पंचायत चिलासनी में वित्तीय वर्ष 2018-19 में अंत्येष्टी स्थल का निर्माण कराया गया था। इसमें भी टेंडर प्रक्रिया को नजरंदाज करते हुए कई कर्मियों को छोड़ा गया था। इसके साथ ही क्रय की गई सामग्री को स्टाक रजिस्टर पर दर्ज नहीं किया गया था। कमरे के विकर्ण की माप में भी अंतर पाया गया। इन सभी कमियों को जांच में सिद्ध होने के बाद डीएम ने नौ लाख 64 हजार 656 तत्कालीन प्रधान और इतनी ही धनराशि सचिव एवं ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अवर अभियंता से वसूली के लिए आदेश दिया है। डीएम ने वसूली करने के लिए जिला पंचायत राज अधिकारी, तहसीलदार और ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अधिशाषी अभियंता को जिम्मेदारी सौंपी है।

जिला पंचायत राज अधिकारी आलोक कुमार प्रियदर्शी ने कहा कि जिलाधिकारी के आदेश पर ग्राम प्रधान, सचिव और अवर अभियंता से सरकारी धन की वसूली कराते हुए उसे ग्राम निधि के खाते में जमा कराया जाएगा।


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