228 स्कूलों का होगा संविलय, प्रधानाध्यापकों की जाएगी कुर्सी
एटा। विरोध के बावजूद भी अब फिर से शासन ने एक ही परिसर में संचालित प्राइमरी स्कूलों का संविलय होगा। इसका आदेश आते ही बेसिक शिक्षा विभाग में सरगर्मी तेज हो गई है।
जागरण संवाददाता, एटा: विरोध के बावजूद भी अब फिर से शासन ने एक ही परिसर में संचालित प्राइमरी व जूनियर स्कूलों के संविलय को लेकर फरमान जारी कर दिया है। इसके तहत वर्तमान में चिन्हित किए गए 228 स्कूलों में संविलय प्रक्रिया के लिए जिला स्तर पर भी कार्रवाई शुरू हो गई है। अब दो स्कूलों में एक प्रधानाध्यापक और एक उनका कक्ष होगा। निर्देशों के क्रियान्वयन को लेकर महकमे में खलबली शुरू हो गई है।
बीते साल वर्ष 2018 में शासन द्वारा एक ही परिसर में संचालित होने वाले परिषदीय प्राइमरी व जूनियर हाईस्कूलों के संविलय के लिए कार्य योजना तैयार की थी। चूंकि मौजूदा स्थिति में प्राइमरी व जूनियर स्कूलों के प्रधानाध्यापक भी अलग-अलग नियुक्त हैं। इस प्रक्रिया से तमाम प्रधानाध्यापकों का पद समाप्त होने जैसी परिस्थितियों को लेकर शिक्षक, संगठनों का विरोध मामले पर शुरू हुआ।
बेसिक शिक्षा निदेशक कार्यालय पर धरना प्रदर्शन में भी स्कूलों का संविलय न किया जाना मुख्य मांग रही। उस समय मामला रफादफा हो गया और शिक्षक संगठनों को आश्वस्त किया गया कि पद समाप्त नहीं किए जाएंगे। शिक्षक संगठन भी मामले पर ढीले पड़ गए। तीन-चार माह ही बीत पाए हैं कि फिर से शासन एक ही परिसर वाले स्कूलों के विलय को लेकर गंभीर है। हाल ही में बेसिक शिक्षा सचिव द्वारा सभी जिलों से संविलय की स्थिति को लेकर सूचना मांगी हैं। यह भी कहा गया है कि नई प्रक्रिया के तहत स्कूलों का संचालन करने के लिए अब तक क्या व्यवस्थाएं की गई हैं।
फरमान के बाद विभाग सक्रिय है। अब तक 228 विद्यालयों के संविलय की स्थिति सामने आई है। यह विद्यालय एक ही परिसर में हैं। कुछ ऐसे विद्यालय जिनकी दूरियां मामूली हैं उनको भी चिन्हित किया जा रहा है। ताकि उनके संविलय के संबंध में शासन से मार्ग दर्शन प्राप्त कर अग्रिम कार्रवाई हो सके। फिलहाल की स्थिति में 228 प्रधानाध्यापकों की कुर्सी खतरे में है। दोनों स्कूलों में जो शिक्षक वरिष्ठ होगा, उसे ही संयुक्त स्कूल का प्रधानाध्यापक बनाया जाएगा। बीएसए संजय शुक्ला ने बताया है कि निर्देशों के अनुपालन में खंड शिक्षाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।