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कचहरी की दीवार गिराने का मामला तूल पकड़ा, अधिवक्ता हड़ताल पर

एटा जागरण संवाददाता। सांसद निधि से कचहरी पर बनवाई जा रही दीवार का काम प्रशासन द्वारा रोके जाने के बाद अधिवक्ता अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। वकीलों ने प्रशासन की कार्रवाई का कड़ा विरोध किया और तय किया कि जब तक प्रशासन दीवार नहीं बनवाएगा तब तक हड़ताल जारी रहेगी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 02 Jul 2019 12:07 AM (IST)Updated: Tue, 02 Jul 2019 06:25 AM (IST)
कचहरी की दीवार गिराने का मामला तूल पकड़ा, अधिवक्ता हड़ताल पर
कचहरी की दीवार गिराने का मामला तूल पकड़ा, अधिवक्ता हड़ताल पर

एटा, जागरण संवाददाता। सांसद निधि से कचहरी पर बनवाई जा रही दीवार का काम प्रशासन द्वारा रोके जाने के बाद अधिवक्ता अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। वकीलों ने प्रशासन की कार्रवाई का कड़ा विरोध किया और तय किया कि जब तक प्रशासन दीवार नहीं बनवाएगा तब तक हड़ताल जारी रहेगी।

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कचहरी पर सांसद निधि से बनवाई गई दीवार को प्रशासन ने शनिवार की रात तुड़वा दिया था। इसके बाद मलबा भी गायब हो गया। रविवार को अधिवक्ताओं को जब यह जानकारी हुई तो उन्होंने विरोध किया और आंदोलन का एलान कर दिया। अधिवक्ताओं का कहना है कि प्रशासन ने जो दीवार गिरवाई, वह नक्शे में पास है। अधिकारियों ने ही निर्माण की अनुमति दी थी, फिर रातोंरात यह खेल क्यों कर दिया गया। इसी बात से क्षुब्ध होकर कलक्ट्रेट बार एसोसिएशन ने सोमवार को अधिवक्ताओं की बैठक बुलाई, जिसमें अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय लिया गया। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सत्यप्रकाश शर्मा और महासचिव उदयवीर सिंह वर्मा ने कहा कि प्रशासन को दीवार से कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए थी, क्योंकि काम नियमानुसार हुआ था। जब तक यह दीवार नहीं बनेगी, तब तक अधिवक्ता कार्य से विरत रहेंगे।

अधिवक्ताओं का आरोप है कि प्रशासन को अगर दीवार को गिराना ही था तो पहले नोटिस दिया जाना चाहिए था फिर बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों से बातचीत की जाती। अचानक दीवार गिराने का निर्णय लेकर वकीलों को आंदोलन के लिए मजबूर कर दिया है। इसके साथ ही अधिवक्ता हड़ताल पर चले गए। कचहरी पर अदालतों में वकीलों ने काम नहीं किया, जिससे वादकारियों के तमाम काम अटके रहे। पूर्व सांसद कैलाश यादव, चोबसिंह बघेल, बीपी सिंह, नीरज यादव, राजीव यादव, संजय उपाध्याय, राकेश यादव, सीपी सिंह, रमेशचंद्र राजौरिया, भूपेंद्र पाल सिंह आदि अधिवक्ता मौजूद रहे।


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