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जाम से हांफा शहर, वाहनों की लंबी कतारें

शुक्रवार को सुबह से ही शहर में जाम लग गया। देखते ही देखते पूरा शहर चोक हो गया। हाईवे पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। जीटी रोड जाम होने का असर शहर की अन्य लिक सड़कों पर भी पड़ा। ठंडी सड़क शिकोहाबाद रोड आगरा रोड रेलवे रोड कचहरी रोड आदि मार्ग भी जाम रहे। ट्रैफिक पुलिस को जाम खुलवाने में काफी पसीना बहाना पड़ा। दरअसल यह जाम वाहनों के अतिरेक और शहर के फुटपाथों पर व्याप्त अतिक्रमण के कारण ज्यादा लग रहा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 Mar 2019 11:29 PM (IST)Updated: Fri, 29 Mar 2019 11:29 PM (IST)
जाम से हांफा शहर, वाहनों की लंबी कतारें
जाम से हांफा शहर, वाहनों की लंबी कतारें

एटा, जासं। शुक्रवार को सुबह से ही शहर में जाम लग गया। देखते ही देखते पूरा शहर चोक हो गया। हाईवे पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। जीटी रोड जाम होने का असर शहर की अन्य लिक सड़कों पर भी पड़ा। ठंडी सड़क, शिकोहाबाद रोड, आगरा रोड, रेलवे रोड, कचहरी रोड आदि मार्ग भी जाम रहे। ट्रैफिक पुलिस को जाम खुलवाने में काफी पसीना बहाना पड़ा। दरअसल यह जाम वाहनों के अतिरेक और शहर के फुटपाथों पर व्याप्त अतिक्रमण के कारण ज्यादा लग रहा है।

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सुबह से ही जाम के हालातों से रूबरू होते राहगीर और नागरिकों को दिक्कतों से जूझना पड़ता है। जीटी रोड पर लोग एक-एक घंटे तक जाम में फंसे रहते हैं। मगर प्रशासन के पास जाम की समस्या से निपटने को कोई ठोस इंतजाम नहीं है। शहर के मुख्यमार्ग पर जिस तरह से वाहनों का बोझ बढ़ रहा है, उस तरह प्रशासन के पास माकूल व्यवस्थाएं नहीं हैं। जाम से निपटने को न तो कोई प्लान तैयार किया गया है और न ही रूट डायवर्जन जैसी कोई व्यवस्था। आएदिन राजमार्ग पर समस्या विकराल होती जा रही है। पूरे दिन वाहनों का रेला लगा रहता है। शुक्रवार को जाम ने लोगों को खासा परेशान किया। अलीगंज रोड तिराहे से लेकर जीटी रोड रेलवे पुल तक वाहनों की कतारें लोगों को परेशान करती रहीं। इस दौरान लोग प्रशासन और ट्रैफिक पुलिस को कोसते नजर आए। कहते हैं शहरवासी

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-जाम की समस्या अब तो रोज की हो गई है। पुलिस और प्रशासन को इससे निपटने की व्यवस्था करनी चाहिए। प्रदीप जैन

-जाम ने अब जीना दूभर कर दिया है। राजमार्ग ही नहीं, अन्य सभी लिक मार्ग भी जाम से जूझ रहे हैं। राजेश कुमार

-प्रशासन को जाम की समस्या दूर कराने को पहल करनी चाहिए। वाहन बढ़ रहे हैं, लेकिन व्यवस्थाएं सीमित ही हैं। आशीष कोहली

-राजमार्ग पर अब तो एक-एक घंटे तक फंसा रहना पड़ता है। सबसे ज्यादा दिक्कत बस स्टैंड पर होती है। नितिन उपाध्याय


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