आंगनबाड़ी बनने को पोस्ट ग्रेजुएट तक कतार में
अंतिम दिन आवेदन को लेकर मची रही आपाधापी उच्च शिक्षित वर्कर मिली तो देखेगा सुधार
जासं, एटा: जिले में लंबे समय से रिक्त चल रहे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तथा सहायिका के पदों के लिए सोमवार को आवेदन का अंतिम दिन था। ऐसे में अंतिम दिन आनलाइन आवेदन करने के लिए आपाधापी मची रही। खास बात तो यह है कि पहली बार आंगनबाड़ी बनने के लिए योग्यता भले ही कम निर्धारित है, लेकिन कई स्नातक तथा स्नातकोत्तर महिलाओं तक द्वारा आवेदन किए गए हैं।
यहां बता दें कि बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग में पिछले लंबे समय से रिक्त पदों के लिए नियुक्तियां नहीं हो सकी। यही वजह थी कि जिले में 182 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तथा 287 सहायिका के पद रिक्त चल रहे थे। बिना कर्मचारी के आंगनबाड़ी केंद्र के संचालन तथा योजनाओं के क्रियान्वयन में भी काफी समस्याएं रही। पूर्व में कई बार नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होने का फरमान आया, लेकिन प्रक्रिया लटकी रही।
शासन के निर्देश के बाद पिछले महीने जिले में निर्धारित पदों के लिए आनलाइन आवेदन मांगे गए, जिसके तहत छह सितंबर को अंतिम तिथि दिवस था। जिन महिलाओं ने पूर्व में ही आवेदन संबंधी अभिलेख तैयार कर लिए उनके आवेदन हो गए, लेकिन कई तरह के दस्तावेज बनवाने को लेकर इच्छुक आवेदक अंतिम दिवस तक तहसील से लेकर साइबर कैफे तक दौड़ती रही।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के लिए निर्धारित योग्यता हाईस्कूल भले ही हो, लेकिन इस बार शिक्षित महिलाओं ने सशक्तिकरण की दिशा में कदम बढ़ाते हुए आवेदन करने में खूब दिलचस्पी ली है। स्नातक तथा स्नातकोत्तर शिक्षित तमाम महिलाओं में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की नौकरी के लिए खूब आवेदन किए हैं। नियुक्ति प्रक्रिया में सहायका महिलाओं को वरीयता के अलावा विधवा तलाकशुदा तथा बीपीएल श्रेणी को प्राथमिकता है। हालांकि आवेदन रात 12 बजे तक होने के कारण कुल आवेदन आने की स्थिति स्पष्ट नहीं है, लेकिन इतना जरूर है कि इंटरनेट मीडिया के दौर में नियुक्ति के लिए ग्रामीण महिलाएं काफी जागरूकता के साथ आवेदन कर रही हैं।
स्नातकोत्तर शिक्षित आवेदक नीलम सिंह ने बताया कि घर खाली बैठने से बढि़या रोजगार मिलना है। उधर प्रभारी डीपीओ संजय सिंह ने बताया कि आवेदन की स्थिति देर रात ही स्पष्ट होगी, लेकिन उच्च शिक्षित आवेदकों से विभाग को अच्छे वर्कर मिलने की उम्मीद है। आवेदन उपरांत प्रमाणपत्रों की स्क्रीन की जाएगी उसके बाद चयन होगा।