दिल में अरमान रखता हूं, तिरंगे का दीवाना हूं..
राजकीय जिला कृषि एवं औद्योगिक विकास प्रदर्शनी के पंडाल में शुक्रवार
एटा, जागरण संवाददाता : राजकीय जिला कृषि एवं औद्योगिक विकास प्रदर्शनी के पंडाल में शुक्रवार की रात शेर-ओ-शायरी की महफिल भोर तक जमी रही। शायरों द्वारा पेश किए गए एक से बढ़कर एक उम्दा कलाम पर श्रोताओं की वाह-वाह की आवाजें पंडाल में गूंजती रही। शायरी के साथ-साथ गजलों का दौर भी देर रात तक जारी रहा।
प्रदर्शनी में ऑल इंडिया मुशायरा कार्यक्रम का शुभारंभ शुक्रवार की रात उपजिलाधिकारी अबुल कलाम ने मंच पर स्थापित दीपस्तंभ पर समां रोशन कर किया। इस दौरान जिला क्रीड़ाधिकारी सिराजुद्दीन ने भी समां रोशन कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की। सर्वप्रथम वाहिद अंसारी ने नाते पाक पढ़ते हुए गजल प्रस्तुत की, उन्होंने सुनाया सूरज के आस पास, न चांद के आस पास, रोशनी गुंबदे खजरा के आस पास। गंजडुंडवारा से आए अजम साकरी ने गजल सुनाते हुए कहा कि हम वक्त के मारे हैं, क्या बात हमारी है, अब दौर तुम्हारा है, क्या बात तुम्हारी है। उनकी इस गजल पर दर्शक और श्रोता देर तक वाह-वाह करते हुए हौसला आफजाई करते रहे। इसके बाद इटावा से आए छोटा शायर ताहिर लईक ने देशभक्ति पर आधारित कलाम में सुनाया मैं छोटा हूं कि दिल में ये अरमान रखता हूं, तिरंगे का दीवाना हूं, हथेली पर जान रखता हूं। युवा शायर ताहिर के इस कलाम पर श्रोता देशभक्ति की तरंगों से सराबोर हो गए।
इसके अलावा शायर जौहर कानपुरी, ताहिर फराज, शबीना अदीब, नूरी परवेज कानपुर, सवा बलरामपुरी, निकहत अमरोहा, अना दहेलवी, अलताफ जिया, जमील खैरावादी, अरशद जाया फिरोजाबाद, सलीम ताविश, डा. राही निजामी, दानिश नूरपुरी आदि ने भी शेर-ओ-शायरी की महफिल जमाई। कार्यक्रम के दौरान संयोजक कशिश एटवी और सह संयोजक विकास सक्सेना ने सभी आगंतुकों का आभार जताया।
इस अवसर पर इं. नूर मुहम्मद, मु. इरफान एड, इं. इमरान अली, जहीर अहमद, आशिक अली भोले सहित तमाम श्रोता और दर्शक मौजूद रहे।