मेरे दिल के हर कोने में ¨हदुस्तान लिखा
एटा, जासं। एटा महोत्सव में आयोजित ऑन इंडिया मुशायरे में देश के नामचीन शायरों ने समां बांध दिया। उन्होंने एक से बढ़कर एक कलाम पेश किए। कई शायरों ने जहां मोहब्बत के तराने गुनगुनाए, वहीं कुछ ने देशभक्ति से ओतप्रोत शायरी सुनाकर लोगों का मन मोह लिया। कई शायरों ने व्यवस्था पर भी चोट की। इस दौरान श्रोता रातभर शायरी का लुत्फ लेते रहे।
एटा, जासं। एटा महोत्सव में आयोजित ऑन इंडिया मुशायरे में देश के नामचीन शायरों ने समां बांध दिया। उन्होंने एक से बढ़कर एक कलाम पेश किए। कई शायरों ने जहां मोहब्बत के तराने गुनगुनाए, वहीं कुछ ने देशभक्ति से ओतप्रोत शायरी सुनाकर लोगों का मन मोह लिया। कई शायरों ने व्यवस्था पर भी चोट की। इस दौरान श्रोता रातभर शायरी का लुत्फ लेते रहे।
ऑल इंडिया मुशायरे का उद्घाटन मोहम्मद जमां खां ने किया, जबकि समां महिला एवं बाल विकास बोर्ड के अध्यक्ष मोहम्मद कमर आलम ने रोशन की। मुशायरे में आई हस्तियों का स्वागत कार्यक्रम के संयोजक अंजुमन-अल-हसन ने किया। मुशायरे की शुरूआत वसीम राजूपुरी के कलाम से हुई। उन्होंने कहा कि खुदा का हुक्म होता है तो घर गुलजार होता है। इसके बाद सज्जात झंझट को बुलाया गया, उन्होंने अपने कलाम में कहा कि इतना तरसाया है शादी की तमन्ना ने मुझे, अब तो हर शख्स मुझे अपना ससुर लगता है। इसके बाद बारी आई हादी जावेद की। उन्होंने रचना पढ़ी कि वो जिसने नामे खुदा लिख के मां ने बांधा था, बना हुआ है सफर में वही दुआ कागज, रचना को भरपूर दाद मिली, लोगों ने इसे खूब सराहा।
इसके बाद आकिफ शुजा तशरीफ लाए और बोले इश्क में अब मजा मुझको आने लगा, शेर मैं मीर के गुनगुनाने लगा। मुजीब शहजर ने कहा गुमान उसको बहुत अपनी शख्सियत का है, कसूर उसका नहीं उसकी तरवीयत का है। तत्पश्चात जीरो बांदवी ने कहा कि काम न आई कुछ चतुराई दो रोटी के चक्कर में, हसन अलीपुरी ने कहा कि मेरे दिल के हर एक कोने में ¨हदुस्तान लिखा है। जौहरी कानपुरी ने जब दिए हौंसले, आजमाने लगे और शबीना अदीब ने अंधेरों की हर एक साजिश यहां नाकाम हो जाए रचना पढ़ी। कार्यक्रम में डॉ. रिहान फारुख, डॉ. सलीम गुलाम उमर, इरफान अली, सईद कादरी, इश्शन खां, डॉ. फारुख, जाकिर अली एडवोकेट, नईम अहमद एडवोकेट, आफिद अहजाज समेत तमाम हस्तियां मौजूद थीं।