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सकीट में मकान ढहा, मारहरा में छत गिरी

जागरण संवाददाता, एटा : जिले में हुई भारी बारिश का जनजीवन पर व्यापक असर पड़ा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Aug 2018 05:44 PM (IST)Updated: Fri, 24 Aug 2018 05:44 PM (IST)
सकीट में मकान ढहा, मारहरा में छत गिरी
सकीट में मकान ढहा, मारहरा में छत गिरी

जागरण संवाददाता, एटा : जिले में हुई भारी बारिश का जनजीवन पर व्यापक असर पड़ा है। रात से लेकर सुबह तक निरंतर बरसे पानी के कारण सकीट में कच्चा मकान ढह गया। मारहरा में छत गिर गई, जबकि कुछ स्थानों पर दीवारें गिर गईं। इन हादसों में कई लोग घायल हुए हैं। एटा शहर में बारिश के चलते सड़कें, गलियां ताल-तलैया बन गईं। लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। कुछ स्कूलों ने बारिश के कारण छुट्टी कर दी।

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गुरुवार देर रात शुरू हुई तेज बारिश सुबह तक निरंतर होती रही। सुबह नौ बजे तक हुई तेज बारिश के कारण शहर में जनजीवन पर असर पड़ा। सड़कों पर पानी भर गया, जिसके कारण लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। सकीट कस्बा के मुहल्ला काजी निवासी सिकंदर पुत्र नियाजी के परिजन अपने कच्चे घर के अंदर सो रहे थे। तभी रात के वक्त मकान ढह गया, लेकिन गनीमत यह रही कि घर में मौजूद लोग बाल-बाल बच गए, लेकिन सारा सामान तबाह हो गया। शहर में मारहरा गेट स्थित मोहम्मद अफजल के मकान की दीवार ढह गई, जिसमें एक बकरी दब गई। जैथरा में रामविशेष पुत्र जानकी प्रसाद के मकान की दीवार भी ढह गई। कई और स्थानों पर दीवारें गिरने की सूचनाएं मिली हैं।

मारहरा थानाक्षेत्र के गांव नगला कलुआ निवासी किसान ओमप्रकाश ने बताया कि गुरुवार की रात वह परिवार के सदस्यों के साथ अपने पक्के मकान के नीचे सो रहे थे। मध्य रात्रि के बाद तीन बजे तेज बारिश के चलते बरामदे की छत भरभरा कर नीचे आ गिरी। जिससे बरामदे में सो रहे पुत्र 18 वर्षीय विशाल और 8 वर्षीय दीपक मलवे में दब गए। उनकी चीख-पुकार सुनकर परिजनों के अलावा पड़ोसी भी मौके पर पहुंच गए। काफी देर की मशक्कत के बाद विशाल और दीपक को मलवे से बाहर निकाला जा सका। उपचार के लिए उन्हें कस्बा के बीएम जुबैरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। जहां दोनों की हालत गंभीर देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया। फिलहाल दोनों की हालत नाजुक बनी हुई है। वहीं पीड़ित ओमप्रकाश ने आर्थिक मदद के लिए प्रशासन से गुहार लगाई है। जलभराव से निकलना हुआ दूभर

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हाइवे पर स्थिति यह थी कि वाहनों की गति धीमी पड़ गई और सड़कों पर ट्रैफिक भी कम नजर आया। ठंडी सड़क पर पानी भरने के कारण वाहनों को निकलने में कठिनाई हुई। रोडवेज बस स्टैंड के अंदर पानी भरने के कारण यात्री परेशान रहे। बसों को भी पानी में ही खड़ा होना पड़ा। कैलाशगंज में भी जलभराव के कारण काफी गंदगी फैल गई। कमोवेश यही स्थिति हाथी गेट के अंदर बाजार में देखी गई। पीपल अड्डा, रेलवे रोड, किदवईनगर, महाराणा प्रताप नगर, एमपी नगर, संजय नगर, श्यामनगर, हाजीपुरा, इस्लामनगर आदि मुहल्लों में भी जलभराव होने से गलियों में निकलना दूभर हो गया है। स्कूली बच्चों को हुई परेशानी

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शहर के अधिकांश नाले ओवरफ्लो चल रहे हैं, जिसके कारण सड़कों के किनारे फुटपाथ पर और ज्यादा पानी भरा हुआ है। स्थिति यह है कि कभी बारिश तेज हो जाती है तो कभी फुहारें पड़ने लगती हैं। स्कूली बच्चों की जब छुट्टी हुई तो कई स्कूलों में पानी भर गया। जिन स्कूलों में छुट्टी नहीं हुई वहां अवकाश के बाद पानी भरे होने के कारण वाहनों तक पहुंचने के लिए बच्चों और उनके अभिभावकों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। शहर के विभिन्न गली, मुहल्लों में संचालित स्कूलों में भी बुरा हाल था, वहां पानी भर गया और गलियां भी लबालब नजर आईं। यहां भी स्कूली बच्चे पानी में फंसे दिखाई दिए। कई ई-रिक्शा पानी में फंस गए और वे आगे नहीं बढ़ पाए, इस कारण बच्चों को पानी में ही उतारना पड़ा। दोपहर के वक्त सड़कों पर अस्त-व्यस्त नजारा दिखाई दे रहा था। पानी में वाहन फंसे होने के कारण बार-बार जाम भी लग रहा था। सरकारी इमारतों में भी पानी

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शहर में हुई बारिश के कारण तमाम सरकारी इमारतों में पानी भर गया। जिलाधिकारी आवास, एसएसपी दफ्तर, सिटी कोतवाली, जिला पंचायत, नगर पालिका समेत कई स्थानों पर पानी भरा दिखाई दिया। यहां लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। बारिश के कारण विद्युत विभाग ने भी खूब छकाया और बिजली की लुकाछुपी जारी रही। शहर के तमाम मुहल्लों में आधा घंटे के लिए बिजली आई और एक घंटे के लिए बिजली चली गई। विद्युत विभाग के अधिकारियों ने बताया कि फॉल्ट आने के कारण बिजली की कटौती करनी पड़ रही है।


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