पराली जलाने के नाम हो रहा किसानों का उत्पीड़न
एटा जासं। पराली जलाने के नाम पर किसानों का उत्पीड़न किया जा रहा है। किसान-मजदूर के दर्द की यह दास्तां सोमवार को समग्र विकास परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल संघर्षी ने कलक्ट्रेट पर किसानों के धरना प्रदर्शन के दौरान व्यक्त की।
एटा, जासं। पराली जलाने के नाम पर किसानों का उत्पीड़न किया जा रहा है। किसान-मजदूर के दर्द की यह दास्तां सोमवार को समग्र विकास परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल संघर्षी ने कलक्ट्रेट पर किसानों के धरना प्रदर्शन के दौरान व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि यदि किसान पराली को नष्ट करने को जलाने का काम करता है, तो पूरे देश में कोहराम मचा दिया जाता है। जबकि सच्चाई यह है कि जितना प्रदूषण देश में पराली जलाने से होता है, उससे कहीं अधिक फैक्ट्रियों, ईंट भट्टा से होता है। पराली आदि नष्ट करने को कई बड़ी कंपनियों ने कई प्रकार के उपकरण बेचने के लिए बाजारों में भेजे हैं। इसलिए इन उपकरणों को बेचने वाले चंद उद्योगपतियों द्वारा किसानों पर मुकदमे करा उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्होने किसानों के इस शोषण के विरुद्ध नौजवानों से संघर्ष को तैयार रहने का संदेश दिया।
इस दौरान धरने में राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल सोलंकी, प्रदेश महासचिव अरविद शाक्य, मंडल उपाध्यक्ष डा. राजपाल सिंह वर्मा, जिलाध्यक्ष थानसिंह लोधी, द्वारिका प्रसाद वर्मा, अशोक कुमार, नत्थू खां, राजेश पथरिया, योगेश दीक्षित, राजेश गुप्ता, सत्यपाल वर्मा, रामौतार प्रभू सहित तमाम किसान मौजूद थे।