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हाहाकार से गूंजा जिला अस्पताल, चौतरफा मातम

एटा, जासं। चौतरफा हाहाकार, कहीं बिलखती पत्नी तो कहीं दहाड़े मारकर पछाड़ खाती मां तो कहीं कोने में खड़े होकर अपने आंसू पौंछता भाई। सब एक-दूसरे को ढांढस बंधा रहे थे, मगर मृतकों के परिजनों की आंखों से निकल रहे आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। हर तरफ गमगीन नजारा देख लोगों के दिल दहल उठे। यह स्थिति सोमवार को जिला अस्पताल में स्थित पोस्टमार्टम गृह पर देखी गई। विभिन्न स्थानों पर हुए पांच सड़क हादसों में मारे गए सात लोगों के शव लाने का सिलसिला रविवार रात से शुरू होकर सोमवार सुबह तक अनवरत चलता रहा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 28 Jan 2019 11:01 PM (IST)Updated: Mon, 28 Jan 2019 11:01 PM (IST)
हाहाकार से गूंजा जिला अस्पताल, चौतरफा मातम
हाहाकार से गूंजा जिला अस्पताल, चौतरफा मातम

एटा, जासं। चौतरफा हाहाकार, कहीं बिलखती पत्नी तो कहीं दहाड़े मारकर पछाड़ खाती मां तो कहीं कोने में खड़े होकर अपने आंसू पौंछता भाई। सब एक-दूसरे को ढांढस बंधा रहे थे, मगर मृतकों के परिजनों की आंखों से निकल रहे आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। हर तरफ गमगीन नजारा देख लोगों के दिल दहल उठे। यह स्थिति सोमवार को जिला अस्पताल में स्थित पोस्टमार्टम गृह पर देखी गई। विभिन्न स्थानों पर हुए पांच सड़क हादसों में मारे गए सात लोगों के शव लाने का सिलसिला रविवार रात से शुरू होकर सोमवार सुबह तक अनवरत चलता रहा।

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बीती रात मंडी समिति और अवागढ़ क्षेत्र में पौंडरी के निकट हुए सड़क हादसों की सूचना पुलिस को मिली थी। पुलिस ने रात को ही दोनों मृतकों मंडी समिति में मैक्स की टक्कर से मारे गए भूदेव और पौंडरी पर अज्ञात वाहन की टक्कर से हादसे के शिकार हुए सचिन के शव पोस्टमार्टम गृह पर भिजवा दिए थे। इसके बाद शवों के आने की झड़ी लग गई। हर एक-दो घंटे के बाद कोई न कोई शव जिला अस्पताल पहुंचता रहा। सुबह होते ही अंतिम हादसा बागवाला क्षेत्र में हुआ, जहां रोडवेज बस ने टेंपो में टक्कर मारी, जिसमें निवासी नहचलपुर अवनेंद्र और कीलरमऊ निवासी प्रवीन की मौत हुई। यहां ग्रामीणों ने जाम लगाया। इसके बाद मौके पर पहुंचे सीओ सदर वरुण कुमार ने समझा-बुझाकर जाम खुलवाया। एक रोडवेज बस में तोड़-फोड़ की भी बात सामने आई। जिला अस्पताल में मृतकों के शवों को देखने के लिए उनके गांवों से खासी तादाद में भीड़ आई थी। लोग शवों को ले जाने के लिए एम्बुलेंस का जुगाड़ करते हुए देखे गए। जिला अस्पताल में एक ही शव वाहन है, जिसकी बु¨कग के लिए भी लोग भटक रहे थे। जब सभी शवों के पोस्टमार्टम हो गए तब अस्पताल कर्मियों ने राहत की सांस ली।


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