गेहूं क्रय केंद्रों पर खुले में पड़ा अनाज
जागरण संवाददाता, एटा: गेहूं खरीद के आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन तमाम केंद्रों पर स्थिति यह है कि
जागरण संवाददाता, एटा: गेहूं खरीद के आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन तमाम केंद्रों पर स्थिति यह है कि तमाम कारणों से खरीद बंद पड़ी है। अब तक बहाना बारदाने की कमी को लेकर था, लेकिन अब मौसम को लेकर है कि कहीं बारिश होने से खुले में पड़े गेहूं खराब न हो जाए। जनपद में प्री मानसून की दस्तक के बावजूद भी स्थिति यह है कि क्रय केंद्रों पर पहले से ही खरीदे गए गेहूं की डिलीवरी गोदामों को नहीं हो सकी है। जहां केंद्र बनाए गए हैं, वहां खरीदे जाने वाले गेहूं को सुरक्षित रखे जाने की की व्यवस्थाएं इस बार भी नजर नहीं आ रहीं।
इस बार भी गेहूं खरीद 15 जून तक कराए जाने के निर्देश शासन ने दिए हैं। हर बार गेहूं खरीद के समय खरीद किए जाने वाले अनाज की सुरक्षित गोदामों तक पहुंचाने के लिए भी व्यवस्थाएं करने को निर्देश दिए जाते हैं, लेकिन खरीद के दौरान ही हर साल बारिश में गेहूं कहीं न कहीं भीगने जैसी स्थितियां सामने आ जाती हैं। इस बार भी गेहूं की खरीद चल रही है और मौसम भी बिगड़ना शुरू हो गया, लेकिन अभी तक न तो गेहूं को गोदामों तक पहुंचाने की प्रक्रिया में तेजी लाई गई है। वहीं केंद्रों का हाल भी यह है कि सैकड़ों बोरियां खुले मैदान में ही रखी हुई हैं, जहां मौसम विभाग जल्दी बारिश होने की जानकारी दे रहा है। इसके बावजूद जिम्मेदार खरीदे गए गेहूं की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं हैं, बल्कि केंद्रों पर गेहूं न खरीदने के पीछे बहानेबाजी का दौर भी शुरू हो गया है। किसानों से यही कहा जा रहा है कि जब तक गेहूं का उठान नहीं होगा, तब तक गेहूं की खरीद भी नहीं की जाएगी। जिले में अभी तक की स्थिति यह है कि 44963 मैट्रिक टन गेहूं गोदामों तक पहुंचा है, जबकि 53912 मैट्रिक टन खरीद हो चुकी है। अभी भी 8928 मैट्रिक टन गेहूं 94 क्रय केंद्रों पर ही पड़ा हुआ है।
केंद्रों पर तुलाई नहीं फिर भी बढ़ रहे आंकड़े
इस साल खरीद का लक्ष्य तेजी के साथ बढ़ा है। आए दिन क्रय केंद्रों पर अनियमितताओं की शिकायतें गेहूं की तुलाई न होने को लेकर की जा रही हैं। फिर भी क्रमिक खरीद बढ़ रही है। ऐसी स्थिति में आरोप लगाए जा रहे हैं कि क्रय एजेंसियों की कारोबारियों से साठगांठ के बाद सीधे खरीद होकर गेहूं गोदामों को भेजा जा रहा है। यहां बता दें कि कुछ दिन पहले ही प्रति कुंतल किसानों से तीन-चार किलो गेहूं अतिरिक्त लिए जाने की शिकायतें प्रभारी मंत्री से की गईं थीं।
भारतीय खाद्य निगम अब तक फिसड्डी
गेहूं खरीद के आंकड़े पिछले सालों के सापेक्ष चौकाने वाले हैं। 65 हजार मैट्रिक टन के सापेक्ष अब तक 53912 मैट्रिक टन खरीद के साथ 82.94 फीसद लक्ष्य पूरा हो चुका है। सबसे ज्यादा गेहूं की खरीद पीसीएफ ने करते हुए अपना 95 फीसद लक्ष्य पूरा करते हुए 9900 किसानों को लाभांवित किया है। अभी एक सप्ताह की खरीद शेष है। खरीद में सबसे फिसड्डी भारतीय खाद्य निगम एजेंसी रही है, जिसने 70 फीसद लक्ष्य ही पूरा कर पाया है।