जनपद में गेहूं उत्पादन वृद्धि पर शासन का जोर
कृषि विज्ञान केंद्रों से भी मिलेगा पिछेती प्रजातियों का बीज किसानों को भी जागरूक करेंगे वैज्ञानिक
जासं, एटा: रबी के सीजन में गेहूं उत्पादन में वृद्धि के लिए शासन का खास फोकस है। यही वजह है कि गेहूं की अगेती बुवाई के बावजूद खाली पड़े खेतों में गेहूं उत्पादन कराने के लिए शासन ने देरी से बोए जाने वाले गेहूं की विभिन्न प्रजातियों का बीज भी उपलब्ध कराया है। बीज बिक्री केंद्र ही नहीं बल्कि कृषि विज्ञान केंद्र से भी मिलेगा।
सरकार द्वारा हर बार गेहूं की अगेती खेती के लिए तो बीज उपलब्ध कराया जाता रहा है, लेकिन इस बार पहला मौका है जब देरी से बोई जाने वाली गेहूं की फसल के लिए भी सस्ता बीज उपलब्ध कराया गया है। इसके पीछे गेहूं उत्पादन बढ़ाने की मंशा स्पष्ट है। किसान बुवाई में पिछड़ने के बाद खेत खाली न छोड़े इसके लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। 15 दिसंबर के बाद गेहूं उत्पादन कराने के लिए उन्नत हलना 9423 प्रजाति का बीज कृषि विज्ञान केंद्र पर किसानों को उपलब्ध रहेगा। खास बात यह है कि बीज का मूल्य 2980 रुपये प्रति कुंतल रखा गया है। कृषि विज्ञान केंद्र मोहनपुरा के प्रभारी एके सिंह बताते हैं कि किसान देरी से भी गेहूं बोकर अच्छा लाभ पा सकेंगे। केंद्र द्वारा किसानों को इसके लिए प्रेरित भी किया जाएगा। प्रभारी बीज विक्रय सोहन लाल वर्मा ने बताया कि किसान बीज के लिए सीधे केंद्र पर संपर्क कर सकते हैं।