तंबाकू नहीं प्रतिबंध के चिन्हों से मिल गई आजादी
'चाचा, आप यहां बीड़ी पी रहे हो। यहां तो बीड़ी पीना मना है।' सामने वाले ने उल्टा सवाल किया कि यहां कहां लिखा है कि बीड़ी मत पीओ।
एटा: 'चाचा, आप यहां बीड़ी पी रहे हो। यहां तो बीड़ी पीना मना है।' सामने वाले ने उल्टा सवाल कर दिया- यहां कहीं लिखा है कि बीड़ी-सिगरेट पीना मना है? उनकी बात सही है। जिला अस्पताल परिसर में ऐसा न कोई संकेत था और न ही लिखा कि यहां धूमपान प्रतिबंधित है। कारण, इस तरह के चेतावनी भरे चिन्ह और संदेश ही मिट गए।
तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत 15 अगस्त को कलक्ट्रेट, विकास भवन, सीएमओ कार्यालय, जिला अस्पताल सहित 56 कार्यालय परिसरों को नो टोबैको जोन घोषित किया गया। इनके बाहर पीले रंग से लाइनें खींचकर नो टोबैको जोन लिख भी दिया। इसका आशय ये था कि इन परिसरों में कोई तंबाकू का प्रयोग नहीं कर सकेगा। ऐसा करने वालों से जुर्माना वसूला जाएगा। लेकिन दो महीनों में किसी भी नो टोबैको जोन में जुर्माना नहीं वसूला गया है। 40 लोगों पर लगा जुर्माना
तंबाकू रहित क्षेत्रों की बात छोड़ दें तो स्वास्थ्य विभाग की ओर से अन्य सार्वजनिक क्षेत्रों में प्रयास जरूर किए गए हैं। 40 लोगों से करीब 5600 रुपये जुर्माने के रूप में वसूले गए हैं। इसके लिए विभाग ने एक टीम का गठन कर रखा है। जो क्षेत्र में भ्रमण करते हुए तंबाकू प्रतिबंधों का पालन कराती है। वर्जन
जिन परिसरों को नो टोबैको जोन घोषित किया गया है, वहां धूम्रपान और तंबाकू प्रयोग रोकने और जुर्माने करने की जिम्मेदारी संबंधित विभागाध्यक्ष की है। अन्य सार्वजनिक स्थानों पर लगातार जुर्माना कार्रवाई की जा रही है।
- डॉ. आरएन गुप्ता, डिप्टी सीएमओ