आत्मनिर्भर बनाए जाएंगे मत्स्य पालक, आय होगी दोगुनी
इकाई लागत का 40 फीसद तथा अनुसूचित जाति-जनजाति व महिला लाभार्थियों को इकाई लागत का 60 फीसद केंद्रीय सहायता अनुदान के रूप में उपलब्ध कराया जाएगा
एटा: मत्स्य पालकों को सरकार आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से मजबूत बनाएगी। इसके लिए प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना लागू की गई है। यह योजना प्रदेश में 2025 तक जारी रहेगी।
सीडीओ मदन वर्मा ने बताया कि योजना का उद्देश्य मत्स्य उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ावा देना है, ताकि मत्स्य पालकों की आय दोगुनी की जा सके। योजना में सामान्य वर्ग के लाभार्थियों को इकाई लागत का 40 फीसद तथा अनुसूचित जाति-जनजाति व महिला लाभार्थियों को इकाई लागत का 60 फीसद केंद्रीय सहायता अनुदान के रूप में उपलब्ध कराया जाएगा। योजना के अंतर्गत मछुआ समुदाय के लोग मत्स्य पालक मात्सि्यकी क्षेत्र के स्वयं सहायता समूह, सहकारी संघ तथा मात्सियकीय सहकारी समितियां, अनुसूचित जाति-जनजाति, महिला, दिव्यांगजन आदि लाभांवित किए जाएंगे। उद्देश्य है कि सबसे कमजोर व्यक्ति को लाभांवित कराते हुए उसकी आर्थिक स्थिति मजबूत की जाए। खेती के साथ ही मत्स्य पालन करके भी किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं।