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काला दिवस के रूप में मनाया साल का पहला दिन

नव वर्ष के पहले ही दिन पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर अटेवा के शिक्षकों ने काला दिवस मनाया और प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 01 Jan 2019 10:43 PM (IST)Updated: Tue, 01 Jan 2019 10:43 PM (IST)
काला दिवस के रूप में मनाया साल का पहला दिन
काला दिवस के रूप में मनाया साल का पहला दिन

जागरण संवाददाता, एटा : नव वर्ष के पहले ही दिन पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर अटेवा ने आंदोलन का आगाज किया। मंगलवार को साल के पहले दिन को काला दिवस के रूप में मनाते हुए नई पेंशन नीति का विरोध शिक्षक-कर्मचारियों ने हाथों पर काली पट्टियां बांधकर किया। शिक्षकों ने स्कूलों में तथा कर्मचारियों ने अपने कार्यालयों में काली पट्टी बांधकर काम किया। शाम को शहीद पार्क में एकत्रित शिक्षक-कर्मचारियों ने एकजुटता का संकल्प लिया।

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काला दिवस को लेकर प्रांतीय नेतृत्व के मिले निर्देशों के बाद शिक्षक कर्मचारियों ने सरकार के झूठे वायदों को कोसते हुए कहा कि पुरानी पेंशन लेकर ही रहेंगे। बीआरसी केंद्रों पर चल रहे प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भी शिक्षकों ने काली पट्टी बांध विरोध किया। अलीगंज, अवागढ़, निधौली कलां, शीतलपुर, सकीट, मारहरा में विरोध का जोर दिखा। शाम को शहीद पार्क में हुई बैठक के दौरान संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि यदि पुरानी पेंशन बहाल नहीं की गई तो लोकसभा चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना होगा। देश के 60 लाख पेंशनविहीन शिक्षक-कर्मचारी पुरानी पेंशन के लिए कुछ भी करने के लिए बेताब हैं।

जिला संयोजक डा. नंदनलाल यादव ने कहा कि विरोध का जिले में बेहतर प्रदर्शन रहा, आगे भी आंदोलन में एकजुटता बनाए रखें। इस दौरान ज्ञानेंद्र पाल, शिल्पी मिश्रा, राजू रामरतन, डा. ओमेंद्र प्रताप, रविशरन, डा. अखिलेश आर्य, अर्चना पचौरी, डा. राजेश, रितुराज, विजय प्रताप, चंद्रवेश, अंजलि ¨सह, मयंक तिवारी, श्यामसुंदर, डा. प्रिया शर्मा आदि अटेवा के पदाधिकारी मौजूद थे।


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