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कुल की फातिहा के साथ उर्स-ए-नूरी का समापन

सीएए के खिलाफ जहां कानून के दायरे में प्रदर्शन हो रहे हैं। वहां दर

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Mar 2020 10:39 PM (IST)Updated: Mon, 09 Mar 2020 06:08 AM (IST)
कुल की फातिहा के साथ उर्स-ए-नूरी का समापन
कुल की फातिहा के साथ उर्स-ए-नूरी का समापन

एटा, जागरण संवाददाता: सीएए के खिलाफ जहां कानून के दायरे में प्रदर्शन हो रहे हैं। वहां दरगाह खानकाहे बरकातिया उनके साथ खड़ी है, लेकिन हिसा और कानून के खिलाफ किये जाने वाले किसी कार्य से हमारा कोई वास्ता नहीं है। यह वक्तव्य हैं दरगाह खानकाहे बरकातिया के सज्जादानशीन सैयद नजीब हैदर नूरी के। वह उर्स के समापन के मौके पर जायरीनों के बीच बोल रहे थे। एनपीआर के विषय में बोले कि जिस प्रकार वर्ष 2010 में जनगणना हुई थी, वैसी ही जनगणना कराने को हम सब तैयार हैं।

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गुलशने बरकात पार्क में उर्स के समापन की तकरीरें शिक्षा पर केंद्रित रहीं। हैदर ने आधी रोटी खाइए बच्चों को पढ़ाएं का नारा लगाते हुए कहा कि बिना तालीम के न समाज का विकास होता है और न मुल्क का। उन्होंने दीनी तालीम को भी जरूरी बताया। प्रो. सैयद अमीनमियां कादरी ने मुल्क की तरक्की और चैनोअमन की दुआएं की। उर्स में आये सभी जायरीनों के सकुशल घर वापस लौटने की भी दुआएं अल्लाह से मांगी। सैयद अशरफ मियां कादरी, सैयद मुहम्मद अमीनुल कादरी, वकार अजीजी, मुहम्मद हनीफ, फार्रुख मिदनापुरी और इमरान जयपुरी ने भी नातोमनकवत और तकरीरों के जरिये जायरीनों को इस्लाम का सबक याद दिलाये। खरकापोशी में पहने बुजुर्गों के लिवास

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शनिवार की रात्रि उर्स नूरी में खरकापोशी की रस्म अदा की गई। जिसमें सज्जादा नशीन सैयद नजीब हैदर नूरी अपने बुजुर्गों के लिवास पहन कर दरगाह खानकाहे बरकातिया से गुलशने बरकात पार्क पहुंचे। यहां उनके दीदार को जायरीनों की भीड़ उमड़ पड़ी। इस बीच जायरीनों ने दरगाह में आराम फरमा बुजुर्गों की मजारों पर फातिहा पढ कर दुआएं मांगीं। छात्रों की हुई दस्तारबंदी

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परंपरानुसार उर्स के समापन से पूर्व मदरसा जामिया अहसनुल बरकात के छात्रों की दस्तारबंदी की गई। इनमें मौलवी, कारी और हाफिजों को साहिबे सज्जादा सैयद नजीब हैदर नूरी ने साफा पहनाकर सम्मानित किया। सामाजिक संस्थाओं ने दी राहत

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उर्स के दौरान बिगड़े मौसम से परेशान जायरीनों को स्थानीय सामाजिक संस्थाओं ने खूब राहत दी। गुलामाने मुस्तफा सोसाइटी और गुलामे रसूल कमेटी ने तीनों दिन जायरीनों की खिदमत करते हुए चाय, पानी और बिस्किट आदि का निश्शुल्क वितरण किया। मु. आमिल और मु. समीर ने कहा कि यह हमारी खुशकिस्मती है, जो उर्स के दौरान जायरीनों की सेवा करने का मौका मिलता है।


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