उर्वरक की किल्लत बढ़ने के हालात
एटा, जासं। पिछले महीने तक यूरिया आदि उर्वरकों की किल्लत ने प्रशासन को फजीहत में डाल रखा था। काफी प्रयासों से जिले को पर्याप्त उर्वरक प्राप्त हुआ। ऐसे में किसानों ने एक साथ उर्वरक की खरीदारी कर स्टॉक करना शुरू कर दिया है। इस तरह के हालातों से किल्लत जल्दी ही बढ़ने से इंकार नहीं किया जा सकता।
एटा, जासं। पिछले महीने तक यूरिया आदि उर्वरकों की किल्लत ने प्रशासन को फजीहत में डाल रखा था। काफी प्रयासों से जिले को पर्याप्त उर्वरक प्राप्त हुआ। ऐसे में किसानों ने एक साथ उर्वरक की खरीदारी कर स्टॉक करना शुरू कर दिया है। इस तरह के हालातों से किल्लत जल्दी ही बढ़ने से इंकार नहीं किया जा सकता।
रबी की फसल के लिए जनवरी के दूसरे पखवाड़े में जिले के कई क्षेत्रों में यूरिया, डीएपी की खासी किल्लत सामने आई। सहकारी विक्रय केंद्रों पर ही नहीं बल्कि प्राइवेट सेक्टर में भी उर्वरक की किल्लत ने प्रशासन व कृषि विभाग को मुसीबत में डाल दिया। परेशानी तब हुई, जब उर्वरक की किल्लत को लेकर किसानों ने सड़कों पर प्रदर्शन शुरू कर दिया। हालात न बिगड़ें इसके लिए उर्वरक की डिमांड और सहकारिता व प्राइवेट दोनों सेक्टरों में उपलब्धता के लिए प्रयास किए गए। जनवरी के अंत तक जनपद में 66 हजार 358 एमटी उर्वरक उपलब्ध हो गया।
हर बिक्री केंद्र व बाजार में उर्वरक उपलब्ध होते ही किसानों की मंशा ज्यादा से ज्यादा उर्वरक घर लाने की हो गई। फरवरी के पहले दिन से 10 दिन में ही उर्वरक की रिकार्ड खरीद किसानों ने की है। 49 हजार 856 एमटी उर्वरक दुकानों से गायब हो चुका है। अब स्थिति यह है कि जिले में 16 हजार 502 एमटी उर्वरक ही शेष है। यदि इसी रफ्तार से बिक्री हुई तो अगले सप्ताह फिर उर्वरकों की समस्या गहराने लगेगी। -------
किसानों को संयम रखने की सलाह दी जा रही है। उर्वरक की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। इसलिए जरूरत के मुताबिक ही यूरिया, डीएपी खरीदें।
- एमपी ¨सह, जिला कृषि अधिकारी जिले में उर्वरक उपलब्धता की स्थिति
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उर्वरक माह पूर्व स्थिति मौजूदा स्थिति
यूरिया 33700 6219
डीएपी 26497 7332
एमओपी 4663 2253
एनपीके 1498 708 - आंकड़ें एमटी में।