टमाटर किसानों को नुकसान, शासन ने लिया संज्ञान
जागरण संवाददाता एटा लॉकडाउन के दौरान जिले के टमाटर की बेकदरी से किसानों के आं
जागरण संवाददाता, एटा : लॉकडाउन के दौरान जिले के टमाटर की बेकदरी से किसानों के आंसू निकल आए। सस्ती दरों पर टमाटर की बिक्री से लागत भी ना निकल रही और घाटा भी उठाना पड़ा है। इस हालात में शासन ने किसानों को हुए नुकसान का संज्ञान लिया है। उद्यान विभाग से सर्वे कर रिपोर्ट मांगी गई है, उसी के आधार पर किसानों को राहत मिल सकती है।
यहां बता दें कि जनपद में जहां क्षेत्र टमाटर का मुख्य उत्पादक है वहीं जिले में अन्य विकास खंडों के किसान भी नकदी फसल के रूप में टमाटर की खेती लगभग 1500 हेक्टेयर पर कर रहे हैं। जिले से दूसरे जिलों और प्रदेशों तक टमाटर की आपूर्ति इस साल लॉकडाउन के कारण नहीं हो सकी। यही वजह थी कि किसानों को 3 से ?4 रुपये किलो तक में टमाटर थोक में बेचना पड़ा। कुछ ऐसी स्थिति को देख शासन ने उद्यान विभाग से रिपोर्ट मांगी तो विभाग की टीम भी सर्वे में जुटी है। जिला उद्यान अधिकारी नलिन सुंदरम भट्ट तथा उद्यान निरीक्षक सुबोध कुमार ने मारहरा तथा निधौली कलां क्षेत्र के ग्राम सुल्तानपुर, कासिमपुर, महमूद नगरिया आदि का दौरा कर किसानों की व्यथा सुनी। उत्पादन और उससे प्राप्त लाभ का भी आंकलन किया। किसानों को बताया कि वह अपने नुकसान को लेकर जानकारी दें। पूरी सूची बनाकर शासन को भेजी जाएगी। शासन नुकसान के एवज में राहत पैकेज दे सकता है। वहीं उत्पादक किसान महेंद्र सिंह ने बताया कि गांव से एटा तक मंडी में टमाटर बेचा। भाड़ा और लागत आधा भी नहीं निकला।