Etah: मेडिकल कालेज में रैगिंग की वजह से निलंबित किए गए थे 30 छात्र, यूं ही नहीं बरपा था हंगामा
Etah रोक के बावजूद कालेज के 30 छात्रों ने रैगिंग की थी जिसकी वजह से कालेज प्रशासन ने सख्त कदम उठाया तो छात्रों ने उस वक्त हंगामा किया। कालेज प्रशासन ने इन सभी छात्रों को रैगिंग करने का दोषी पाया तब उन्हें छात्रावास से निष्कासित किया गया।
एटा, जागरण संवाददाता: वीरांगना अवंतीबाई लोधी स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय में हंगामा कोई यूं ही नहीं बरपा। रोक के बावजूद भी कालेज के 30 छात्रों ने नियमों को ताक पर रखकर रैगिंग की थी। जब कालेज प्रशासन ने सख्त कदम उठाया तो छात्रों ने उस वक्त हंगामा किया। कालेज प्रशासन ने इन सभी छात्रों को रैगिंग करने का दोषी पाया, तब उन्हें छात्रावास से निष्कासित किया गया। मेडिकल कालेज के प्राचार्य द्वारा जो नोटिस छात्रों को जारी किया गया है उसमें रैगिग के लिए छात्रों को दोषी बताया गया है।
मेडिकल कालेज में दो दिसंबर की रात छात्रों ने जमकर हंगामा किया था और प्राचार्य से इस्तीफा मांगा था। इस दौरान कालेज प्रशासन और छात्रों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। इस सबके पीछे छात्रों का निलंबन ही था। हंगामे के बाद भी रैगिंग वाली बात दबाई जाती रही, लेकिन रविवार को वह नोटिस सामने आ गया जो प्राचार्य द्वारा छात्रों के लिए जारी किया गया था।
नोटिस में साफ कहा गया है कि छात्रों ने रैगिंग की थी, इसके भी वे दोषी हैं इसलिए उन्हें छात्रावास से निष्कासित कर दिया गया है। विद्यालय की गतिविधियों में शामिल होने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। 30 छात्रों की सूची भी जारी की गई।
प्राचार्य की तरफ से नोटिस एक दिसंबर को जारी किया गया था और उसके अगले दिन ही प्रतिक्रिया हुई और हंगामा हो गया। मेडिकल कालेज के सूत्रों ने बताया के कुछ छात्र दूसरे छात्रों को परेशान कर रहे थे और उनके अभिभावकों की ओर से शिकायतें आ रहीं थीं। कालेज प्रशासन की ओर से कहा जा रहा है कि रैगिंग के चलते किसी के भी साथ अनहोनी हो सकती है, इसलिए दंडात्मक कठोर कदम जरूरी था।
हंगामे के पीछे मेडिकल कालेज में व्यवस्थाएं बताई जा रही थी। छात्र दावा कर रहे थे कि सुरक्षा गार्ड उनके साथ बदसलूकी करते हैं और शराब पीकर मारते पीटते हैं। पानी, बिजली की व्यवस्था ठीक नहीं है।
छात्रों का दावा, अव्यवस्थाओं को लेकर था गुस्सा
अपना नाम न छापने की शर्त पर हंगामा करने वाले छात्र यही कह रहे हैं कि छात्रों का गुस्सा अव्यवस्थाओं को लेकर था। दूसरी तरफ जिन छात्रों को परेशान किया जा रहा था उनका कहना है कि अगर एक बार परेशान किया जाता तो हम कुछ नहीं कहते, लेकिन बार-बार परेशान किया जा रहा था। जिन छात्रों पर रैगिंग का आरोप लगाया गया है वे यह भी कह रहे हैं कि उन्होंने रैगिंग नहीं की, फिर भी उन्हें नोटिस दिया गया और निलंबित कर दिया।
अनुशासनहीनता नहीं करेंगे बर्दाश्त
मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. नवनीत सिंह का कहना है कि अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। छात्रों ने रैगिंग की थी, इस पर नोटिस दिया गया था। मेडिकल कालेज में बेहतर शिक्ष्ज्ञा का माहौल बनाना हमारा फर्ज है।
कानून के मुताबिक यह होती है रैगिंग
- यदि किसी शिक्षण संस्थान अथवा छात्रावास में किसी छात्र अथवा छात्रा को उसके रंगरूप अथवा पहनावे के आधार पर टिप्पणी की जाए एवं उसके स्वाभिमान को आहत किया जाए।
- छात्र को अजीबोगरीब नाम लेकर पुकारा जाए एवं प्रताड़ित किया जाए।
- किसी छात्र छात्रा को उसकी क्षेत्रीयता, धर्म, भाषा अथवा जाति के आधार पर अपमानजनक नाम लेकर पुकारा जाए।
- छात्र छात्रा की नस्ल अथवा पारिवारिक अतीत अथवा आर्थिक पृष्ठभूमि को लेकर उसे लज्जित किया जाए एवं अपमानित किया जाए।
- छात्राओं को अपमानजनक टास्क देना अथवा अजीबोगरीब नियम बनाकर उन्हें परेशान करना।
रैगिंग से नुकसान
- छात्र का प्रवेश रद्द किया जा सकता है
- छात्र को कक्षा से निलंबित किया जा सकता है
- स्कालरशिप और बाकी अन्य लाभों को वापस लिया जा सकता है
- परीक्षा देने से रोका जा सकता है
- छात्र का रिजल्ट रोका जा सकता है
- किसी भी नेशनल, इंटरनेशनल और यूथ फेस्टिवल में प्रतिनिधित्व करने से रोका जा सकता है
- छात्रावास़़ से निलंबित किया जा सकता है
- संस्थान से छात्र को 1 से 4 साल के लिए प्रतिबंधित किया जा सकता है
- संस्थान से निकाला जा सकता है और किसी संस्थान में प्रवेश से भी रोका जा सकता है
- 25 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है