ओवरलो¨डग को सरकारी तंत्र से हरी झंडी
जागरण संवाददाता, एटा: जिले में ओवरलो¨डग की स्थिति चिंताजनक है। डग्गामार ही नहीं, अनुबंधित और रोडवेज
जागरण संवाददाता, एटा: जिले में ओवरलो¨डग की स्थिति चिंताजनक है। डग्गामार ही नहीं, अनुबंधित और रोडवेज बसों में भी क्षमता से अधिक यात्री ढोए जा रहे हैं। परिवहन निगम इसे मुनाफा मानते हुए यात्रियों की जान दाव पर लगाने में गुरेज नहीं करता तो निजी वाहनों का तो एकमात्र मकसद ही पैसे कमाना है। ¨चता और आपत्ति की बात यह भी है कि परिवहन निगम, एआरटीओ, ट्रैफिक व सिविल पुलिस की ओर से इस ओवरलो¨डग को हरी झंडी दे दी गई है। नीचे से ऊपर तक कमीशनखोरी और लूट के खेल में हादसों को न्यौता दिया जा रहा है।
मैनपुरी में बुधवार को हुए भीषण सड़क हादसे में 17 लोगों की मौत हुई। हादसे की बड़ी वजह ओवरलो¨डग मानी जा रही है। बस में क्षमता से अधिक यात्री थे। कहीं भी पुलिस ने उसे रोकने की जहमत नहीं की। इस तरह की ओवरलो¨डग यहां भी रोजाना की बात है। कम से कम हादसे के बाद तो सबक लेना चाहिए था। गुरुवार को ऐसा भी कुछ नजर नहीं आया। रोडवेज बसें हों या प्राइवेट अनुबंधित और डग्गामार वाहन, कई में क्षमता से अधिक यात्री लदे हुए नजर आ रहे थे। अलीगंज, कासगंज, सकीट, सहावर, गंजडुंडवारा, आगरा आदि मार्गो पर जाते तमाम वाहनों में अंदर ही नहीं पायदान पर लटके और छत तक पर चढ़े यात्री नजर आ रहे थे। ओवरलो¨डग का यह सिलसिला दोपहर के समय तेज गर्मी के चलते कुछ घंटों के लिए हल्का हुआ। जबकि सुबह और शाम के समय जमकर नियमों की धज्जियां उड़ती रहीं। शहर के अंदर जिन प्वाइंट्स पर ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी थी, वहां ओवरलो¨डग वाहन आसानी से गुजरते नजर आ रहे थे। पुलिसकर्मी सबकुछ देखते हुए भी उन्हें रोकने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे थे।
पुलिस के आसपास ही डग्गामारी
डग्गामारी कोई दूर-दराज के क्षेत्रों की बात नहीं। शहर के अंदर ही पुलिस के आसपास इसे जमकर अंजाम दिया जाता है। माया पैलेस चौराहा पर दिनभर सबसे अधिक संख्या में ट्रैफिक पुलिसकर्मी मौजूद रहते हैं। जबकि इसके पास ही रोडवेज बस स्टैंड के बाहर से रोडवेज और अनुबंधित प्राइवेट बसें ओवरलो¨डग कर निकलती हैं। वहीं डग्गामार वाहन भी बेखौफ सवारियां भरते नजर आते हैं। डग्गामारों का कब्जा इसके पास ही आगरा रोड तिराहा, जनता दुर्गा मंदिर पर भी रहता है। अलीगंज रोड तिराहा पर भी ट्रैफिक पुलिस की चौकसी रहती है, लेकिन इस तिराहे से अलीगंज, सकीट और जीटी रोड पर जाने वाले सभी वाहन ओवरलोड होकर निकलते हैं।
लो¨डग वाहनों में सवारियां
यूं तो बिना लाइसेंस के सवारियां ढोना ही अपराध है। यहां तो जिन वाहनों से ये काम किया जा रहा है, उनमें तमाम तो यात्री वाहन ही नहीं। माल ढोने वाली गाड़ियों में सवारियों को भर लिया जाता है। इनमें कोई सीट नहीं होती है। नीचे बैठ जाइए या खड़े होकर सफर का लुत्फ लीजिए।
लोगों का कहना
जिले में डग्गेमारी चरम पर है। सब कुछ जानकर और देखकर भी जिम्मेदार इस पर अंकुश नहीं लगाते हैं।
- जितेंद्र वाष्र्णेय
मैनपुरी जैसे हादसे अक्सर कहीं न कहीं होते रहते हैं। फिर भी पुलिस और परिवहन विभाग की नींद नहीं टूटती है।
- ओपेंद्र ¨सह
हम लोगों को खुद भी समझदारी बरतते हुए डग्गेमार वाहनों में सफर और ओवरलो¨डग से तौबा करनी चाहिए।
- राजकुमार भरत
अक्सर लोगों को मजबूरी में ऐसा जोखिम भरा सफर करना पड़ता है। परिवहन सुविधाएं और मजबूत होनी चाहिए।
- धर्मेंद्र चंदवरिया
अधिकारी की बात
कुछ समय पहले ही डग्गेमारी और ओवरलो¨डग को लेकर जिले में अभियान चलाया गया था। बीते दिन मैनपुरी में हुई दुर्घटना को दृष्टिगत रखते हुए फिर अभियान शुरू किया जाएगा। डग्गामारी और ओवरलो¨डग पर पूरी तरह रोक लगाई जाएगी।
- संजय कुमार, एएसपी