पंचायत चुनाव नजदीक, शौचालय किस्त को सर्वे पूरा नहीं
अभी 380 ग्राम पंचायतों में शेष है बेस लाइन टू सर्वे सिर्फ 98 पंचायतों में ही पहुंच पाई शासन की टीम
जासं, एटा: स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्राम पंचायतों में शौचालय की दूसरी किस्त पाने से तमाम लोग वंचित हैं। इसकी जब शिकायतें ऊपर पहुंची तो शासन ने बेस लाइन टू सर्वे कराने का निर्णय लिया, लेकिन अभी यहां सिर्फ 98 ग्राम पंचायतों का ही सर्वे हो पाया है, जबकि पंचायत चुनाव अति नजदीक हैं। चुनाव घोषित होते ही सरकारी मशीनरी चुनाव में जुटेगी। ऐसे में सर्वे का काम बाधित हो सकता है। दूसरी किस्त भी ग्रामीणों को नहीं मिल पाएगी।
ग्राम पंचायतों में तमाम लोग शौचालय से वंचित रह गए थे, इसके लिए पहले सर्वे कराया गया और उनके खातों में पहली किस्त का पैसा आवंटित कर दिया गया। इसके बाद बेस लाइन टू सर्वे कराकर यह देखा जा रहा है कि पहली किस्त का पैसा शौचालय में लगा है अथवा नहीं। जब यह सर्वे पूरा हो जाएगा तब ग्रामीणों के खाते में दूसरी किस्त की धनराशि भेजी जाएगी। सर्वे के काम की धीमी गति को लेकर डीपीआरओ दफ्तर में समीक्षा भी हो चुकी है, जिसमें सभी खंड प्रेरकों को आगाह किया गया था कि वे अपने क्षेत्र में सर्वे के काम को तेज गति से करवाएं। फिलहाल 478 ग्राम पंचायतें सर्वे से शेष हैं। निकट भविष्य में पंचायत चुनाव के लिए अधिसूचना जारी होने वाली है। ऐसे में सूत्रों का कहना है कि सर्वे का काम अटक सकता है। मारहरा में गति सबसे धीमी:
मारहरा विकास खंड में सर्वे की गति सबसे ज्यादा धीमी है। इस क्षेत्र में सिर्फ पांच ग्राम पंचायतों में ही सर्वे पूरा हो पाया है, जबकि अलीगंज में 20, जलेसर में 19, जैथरा में 11, सकीट में 13 और सबसे ज्यादा शीतलपुर में 30 ग्राम पंचायतों में सर्वे हुआ है। टीमें कम, पंचायतें ज्यादा:
पंचायतीराज विभाग के सूत्रों का कहना है कि शासन ने तीन टीमें ही सर्वे के लिए भेजी हैं। इसलिए सर्वे का काम धीमी गति से हो पा रहा है। जनपद में कुल 576 ग्राम पंचायतें हैं, जिनमें से अभी 478 में सर्वे होना बाकी है। ग्रामीणों को शौचालय की दूसरी किस्त देने के लिए बेस लाइन टू सर्वे चल रहा है। विभाग की कोशिश है कि शीघ्र से शीघ्र सर्वे का काम पूरा हो, ताकि दूसरी किस्त का पैसा ग्रामीणों को मिल सके।
- आलोक प्रियदर्शी, डीपीआरओ