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स्कूल हैं न पर्याप्त संख्या में हैंडपंप

राजा का रामपुर: गांव में बच्चों के पढ़ने के लिए स्कूल नहीं है। वे दूसरे गांवों में जाते हैं। वहीं पर्याप्त हैंडपंप भी वहां नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Jun 2018 10:07 PM (IST)Updated: Tue, 26 Jun 2018 10:07 PM (IST)
स्कूल हैं न पर्याप्त संख्या में हैंडपंप
स्कूल हैं न पर्याप्त संख्या में हैंडपंप

जागरण संवाददाता, राजा का रामपुर: गांव में बच्चों के पढ़ने के लिए स्कूल नहीं है। वे दूसरे गांव में पढ़ने जाते हैं। गांव की आबादी भी कम नहीं, लेकिन पर्याप्त मात्रा में हैंडपंप तक नहीं हैं, जिससे प्यास बुझाई जा सके। भीषण गर्मी के दिनों में लोगों को पेयजल संकट से जूझना पड़ रहा है। सफाई कर्मचारी नियमित नहीं आते, जिसकी वजह से गांव में गंदगी के ढेर लगे रहते हैं। यह स्थिति राजा का रामपुर ब्लॉक क्षेत्र के गांव नगला माली की है।

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गांव की सबसे बड़ी और अहम समस्या यह है कि यहां बच्चों की शिक्षा के लिए स्कूल का अभाव है। ग्रामीणबच्चे दो किमी दूर राजा का रामपुर शिक्षा पाने के लिए जाते हैं। छोटे बच्चे जब रोड पर चलते हैं तो मां-बाप का कलेजा धड़कता रहता है। कुछ माता-पिता अपना कामकाज छोड़कर बच्चों को स्कूल छोड़ने एवं लेने जाते हैं और कुछ बच्चों को अकेला भेज देते हैं।

नगला माली में 1500 की आबादी में 800 वोटर हैं। इस गांव में एक पुराना तालाब है, जो कुछ घरों निकलने वाले गंदे पानी से भरा है। जिसमें काफी गंदगी है। उसे साफ करने की किसी ने जहमत नहीं उठाई। गांव में गर्मियों में हमेशा पानी की कमी होती है। जलस्तर निचले स्तर पर पहुंच जाता है, फिर भी प्रशासन या ग्राम प्रधान की तरफ से तालाब के लिए कोई प्रयास नहीं किए जाते। गांव में मात्र पांच सरकारी हैंडपंप है, जो कि ग्रामीणों की प्यास बुझाने में नाकाफी हैं।

कई अन्य बड़ी समस्याएं हैं जैसे राशन कार्ड, आवास योजना, शौचालय। गांव में आज तक स्वच्छ भारत मिशन के तहत कोई भी शौचालय नहीं बना है, जिनके यहां निजी शौचालय है वो तो ठीक हैं, लेकिन काफी लोग खुले में शौच को जाते हैं। गांव के लोगों को इस योजना के बारे में मालूम तक नहीं।

बोले ग्रामीण

गांव में आज तक कोई सरकारी या प्राइवेट प्राइमरी शिक्षा के लिए स्कूल नहीं हैं। सरकार शिक्षा पर काफी जोर दे रही है, लेकिन इस गांव की तरफ आज तक किसी की निगाह नहीं पहुंची।

- श्रीनिवास

गांव में सफाई कर्मचारियों की प्रतिदिन के हिसाब से नियुक्ति हो। गांव में सफाई रहेगी तो उसका अच्छा प्रभाव पड़ेगा। प्रत्येक घर को स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय मिलें जिससे लोगों का खुले में शौच का जाना बंद हो।

- बाबू राम

अगर प्रशासन सुनवाई करें तो गांव में सभी के पास राशन कार्ड हों और सभी को सस्ता अनाज मिले। तालाब की सफाई करवाकर स्वच्छ पानी भरा जाए और गांव खुशहाल एवं संपन्न हो।

- मुन्नी देवी

शौचालय, गंदगी, स्कूल का अभाव, चाहे किसी भी प्रकार की समस्या क्यों न हो ग्रामवासियों द्वारा प्रयास तो किए, लेकिन सुनवाई न होने से कोई सफलता नहीं मिली।

- रेशमा देवी


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