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    एटा में बुखार से बच्चे सहित चार मौत, 200 से ज्यादा बीमार; सात दिनों से लगातार बढ़ रहे हैं मरीज

    Updated: Sat, 01 Nov 2025 10:08 PM (IST)

    एटा के अकबरपुर लालसहाय गांव में बुखार का कहर जारी है, जिससे एक सप्ताह में चार लोगों की मौत हो गई है। दो सौ से ज्यादा लोग बुखार से तप रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में डेरा डाले हुए है और ग्रामीणों को झोलाछाप डॉक्टरों से बचने की सलाह दी जा रही है। वायरल बुखार और झोलाछाप डॉक्टरों के इलाज से स्थिति गंभीर हो गई है।

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    जागरण संवाददाता, एटा। अकबरपुर लालसहाय गांव में बुखार कहर बरपा रहा है। घर-घर में चारपाई बिछी हैं। एक सप्ताह में बच्चे समेत चार की मौत हो चुकी है। दो सौ से ज्यादा लोग बुखार में तप रहे हैं। शनिवार को मेडिकल कालेज के अस्पताल में बुखार से पीड़ित एक बच्चे की मौत हो गई। 10 से अधिक बच्चे भर्ती बताए गए हैं।

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    स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में डेरा डाल दिया है। ग्रामीणों को झोलाछाप के इलाज से दूर रहने की सलाह दी गई है। अलीगंज तहसील मुख्यालय से पांच किमी दूर अकबरपुर लालसहाय में बुखार ने पिछले सप्ताह से पैर पसारे। ग्रामीण झोलाछापों से इलाज कराते रहे, लेकिन हालात बिगड़ते गए।

    पांच वर्षीय हिमांशु, 45 वर्षीय विष्णु दयाल और 68 वर्ष की शकुंतला देवी की बुखार से मौत हो गई। तीन मौतों के बाद स्वास्थ्य विभाग ने दो टीमें भेजी। 400 ग्रामीणों की जांच की और दवाएं वितरित कीं। संभावित डेंगू और मलेरिया की जांच भी कराई गई। गांव में एंटी लार्वा छिड़काव, फागिंग और सफाई अभियान भी शुरू कराया गया है।

    दो सौ से ज्यादा ग्रामीणों में वायरल का प्रकोप बताया गया है। झोलाछापों के उपचार से कई लोगों की हालत बिगड़ गई। मेडिकल कालेज के अस्पताल की इमरजेंसी में हाथरस निवासी 14 वर्षीय दुर्वेश की शनिवार को मौत हो गई।

    जिला मलेरिया अधिकारी लोकमन सिंह ने बताया कि गांव में वायरल फीवर है। झोलाछापों से उपचार कराने से समस्या बढ़ी है। दो दिन से स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में उपचार कर रही है। 400 मरीजों का उपचार किया गया है। गांव में एंटी लार्वा, फागिंग और सफाई कराने पर जोर दिया गया है।