आशा घर बैठे देंगी आयुष्मान का 'आशीर्वाद'
योजना एक नजर में - 72524 लाभार्थी परिवार रहते हैं ग्रामीण क्षेत्र में - 16529 लाभार्थी परिवार रह
योजना एक नजर में
- 72524 लाभार्थी परिवार रहते हैं ग्रामीण क्षेत्र में
- 16529 लाभार्थी परिवार रहते हैं नगरीय क्षेत्र में
- 4298 लाभार्थियों को जारी हुए अभी तक गोल्डन कार्ड
- 04 लाख से अधिक पात्रों को दिए जाने हैं कार्ड
- 70 हजार लाभार्थियों के कार्ड शासन ने भेजे एटा, जासं। आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों को गोल्डन कार्ड घर बैठे मिलेगा। इसके लिए उन्हें भटकना नहीं पड़ेगा। शासन से बड़ी संख्या में लाभार्थियों के कार्ड भेज दिए हैं। इन्हें स्वास्थ्य विभाग आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से घर-घर पहुंचाएगा।
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना 'आयुष्मान भारत' के अंतर्गत जिले में पात्रों को चिह्नित किया जा चुका है। प्रत्येक पात्र व्यक्ति को अलग गोल्डन कार्ड दिया जाना है। इसके जरिए ही सूचीबद्ध अस्पतालों में निश्शुल्क उपचार मिलेगा, वहां आयुष्मान मित्र तैनात किए गए हैं। इनके जरिए गोल्डन कार्ड निश्शुल्क बनवाए जा सकते हैं। पात्रों को इस दौरान काफी परेशानी होती है। वहीं जनसुविधा केंद्रों पर शुल्क लिया जाता है। सरकार ने लोगों की यह परेशानी दूर कर दी है। शासन स्तर से लाभार्थियों के पीवीसी गोल्डन कार्ड भेजे जा रहे हैं। पहली खेप भी मिल चुकी है। जल्द इनका वितरण शुरू हो जाएगा। - अभी तक बने काफी कम गोल्डन कार्ड:
चार सूचीबद्ध अस्पतालों के अलावा जनसुविधा केंद्रों को भी गोल्डन कार्ड बनाने के लिए अधिकृत किया गया है। इसके बावजूद अभी तक महज 4298 लाभार्थियों के ही कार्ड बने हैं। - आचार संहिता लगी तो थमेगा वितरण:
कार्डों के वितरण में आचार संहिता बाधा बन सकती है। इसके लागू होने पर वितरण नहीं किया जाएगा। दरअसल, आचार संहिता के मानकों के मुताबिक यह प्रचार सामग्री की श्रेणी में आ रहे हैं।
शासन से प्राप्त हुए गोल्डन कार्डों को ब्लॉक स्तरीय सीएचसी पर भेजा गया है। वहां से आशा कार्यकर्ताओं को उनके क्षेत्र से संबंधित कार्ड दिए जाएंगे। वे उनका घर-घर जाकर वितरण करेंगी।
- डॉ. अजय अग्रवाल, सीएमओ