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शहादत के सिलसिले ने अमर किया वीरों का नाम

एटा, जासं। कभी सरहद की रखवाली करते तो कभी आतंकियों से लोहा लेते अपनी जांबाजी का परचम फहराने वालों में एटा के शूरवीरों की संख्या भी काफी है। जिले के 37 जांबाज ऐसे हैं जो देश की रक्षा करते हुए कुर्बान हो गए। वर्तमान में भी जिले के तमाम युवा सेना में हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Feb 2019 12:00 AM (IST)Updated: Wed, 20 Feb 2019 12:00 AM (IST)
शहादत के सिलसिले ने अमर किया वीरों का नाम
शहादत के सिलसिले ने अमर किया वीरों का नाम

एटा, जासं। कभी सरहद की रखवाली करते तो कभी आतंकियों से लोहा लेते अपनी जांबाजी का परचम फहराने वालों में एटा के शूरवीरों की संख्या भी काफी है। जिले के 37 जांबाज ऐसे हैं जो देश की रक्षा करते हुए कुर्बान हो गए। वर्तमान में भी जिले के तमाम युवा सेना में हैं।

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एटा जनपद का इतिहास शूरवीरों के पराक्रम से भरा पड़ा है। आजादी के बाद से देश के लिए जान न्यौछावर करने वालों की यहां कमी नहीं रही। वर्ष 1962 में भारत-चीन के बीच हुए युद्ध में जिले के गांव नगला पीपल के ज्वाला ¨सह शहीद हुए थे, जोकि राजपूत रेजीमेंट में थे। इसके बाद वर्ष 1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ। इसमें जलेसर क्षेत्र के गांव रेजुआ निवासी राजकिशोर शहीद हुए। इतना ही नहीं देश के बाहर जाकर भी यहां के जांबाजों ने पराक्रम दिखाया है। सोमालिया में गए भारतीय सैन्य दल में शामिल पिलुआ क्षेत्र के गांव नगला बेल निवासी वीरपाल ¨सह शहीद हुए थे। जम्मू कश्मीर में जब आतंकवाद बढ़ा तो एटा के जवानों के शहीद होने का सिलसिला चल पड़ा। आपरेशन मेघदूत, महर, रक्षक, पवन, विजय आदि में बड़ी संख्या में जिले के जवान शहीद हुए। आपरेशन पवन उस समय हुआ जब तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने श्रीलंका में लिट्टे का खात्मा करने के लिए शांति सेना भेजी थी। आपरेशन विजय कारगिल में दो जवान शहीद हुए। सबसे ज्यादा शहादत आपरेशन मेघदूत और रक्षक के दौरान हुई। इस तरह से शहादत का सिलसिला इस जिले में निरंतर बना रहा। यहां ओवरब्रिज पर बनाए गए शहीद स्तंभ पर इन सभी शहीदों के नाम दर्ज हैं। इन्हें देखकर एटा के लोग खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। शहीदों की सूची

करन ¨सह धौलेश्वर, मुंशीलाल नगला भजा, अनार ¨सह नगला गोवल, देवेंद्र प्रसाद खरबा, ज्वाला ¨सह नगला पीपल, हरवीर ¨सह नगला माखन, श्यौवीर ¨सह बहरमपुर, वीरेश कुमार कटरा मुहल्ला एटा, राजकिशोर बलीदादपुर, वीरपाल ¨सह नगला बेल, रनवीर ¨सह धरौली, कमलेश नगला वाचा, रामप्रसाद नयाबांस, गिरीशपाल नगला सेवा, वीरेंद्र ¨सह पूठ, रामकुमार छछैना, माखन ¨सह तोमर पृथ्वी राजपुर, वीरेंद्र ¨सह जवाहरपुर, ओसपाल नगला सेवा, सुरेश बाबू छछैना, अवधेश ¨सह बिजौरी, नरेंद्र कुमार जमालपुर, योगेंद्र ¨सह मनिहारी, रामसरन नगला चमन, रामप्रकाश निखतपुर, गंगा ¨सह नगला ढाकन, रामनरेश संजय नगर एटा, राजकुमार गढुआ, कुंवरपाल किसरौली, सुनील कुमार क¨ठगरा, रामस्वरूप रुस्तमगढ़, पुष्पेंद्र घिलौआ, लालाराम खुशालगढ़, मुकेश कुमार नियाजनगर, महेश चंद्र फरीद नगर व एक अन्य शामिल हैं।


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