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ई-रिक्शा-टेंपो की मनमानी, यातायात व्यवस्था पर भारी

एटा जासं। शहर के अंदर ई-रिक्शा और टेम्पो चालकों की मनमानी यातायात व्यवस्था को बनाए रखने में भारी पड़ रही है। ई-रिक्शा चालकों को अभी तक शहर के बाजारों में जाने पर प्रतिबंध था लेकिन त्योहार खत्म होते ही वे फिर से बाजारों और निर्धारित रूट के अतिरिक्त मनचाहे मार्गो पर आराम से उनका संचालन कर रहे हैं। इसके चलते शहर के मार्गो और चौराहों पर जाम की स्थिति लगातार बढ़ती जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Aug 2019 10:20 PM (IST)Updated: Tue, 20 Aug 2019 06:21 AM (IST)
ई-रिक्शा-टेंपो की मनमानी, यातायात व्यवस्था पर भारी
ई-रिक्शा-टेंपो की मनमानी, यातायात व्यवस्था पर भारी

एटा, जासं। शहर के अंदर ई-रिक्शा और टेम्पो चालकों की मनमानी यातायात व्यवस्था को बनाए रखने में भारी पड़ रही है। ई-रिक्शा चालकों को अभी तक शहर के बाजारों में जाने पर प्रतिबंध था, लेकिन त्योहार खत्म होते ही वे फिर से बाजारों और निर्धारित रूट के अतिरिक्त मनचाहे मार्गो पर आराम से उनका संचालन कर रहे हैं। इसके चलते शहर के मार्गो और चौराहों पर जाम की स्थिति लगातार बढ़ती जा रही है।

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हर चौराहे पर आठ से दस की संख्या में ई-रिक्शा सड़क पर सवारी के लिए खड़े देखे जा सकते हैं। यहां तक की रात को बिना लाइट जलाए ही धड़ल्ले से शहर में ई-रिक्शा का संचालन हो रहा है। इससे किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है। टेम्पो और ई-रिक्शा चालकों की सबसे खराब स्थिति शहर के जीटी रोड बस स्टैंड से लेकर माया पैलेस चौराहे व आगरा रोड तिराहे की है। हालांकि पहले ई-रिक्शा व टेम्पो के रूट तय किए गए थे, लेकिन यातायात व्यवस्था सुधार के लिए की गई कवायद सफल नहीं हो सकी। लोग मानते हैं कि फिर से कुछ न कुछ उपाय होने चाहिए, जिससे कि ई-रिक्शा समस्या न बन सकें।

तत्कालीन जिलाधिकारी आइपी पांडेय द्वारा शहर को जाम से राहत देने के लिए सार्थक पहल कर शहर के बाजारों में ई-रिक्शा और टेम्पो वाहनों को प्रतिबंधित कर दिया गया था, यही नही उनके द्वारा स्थल निर्धारित करने के साथ ही संख्या का भी निर्धारित किया गया। इस पर कठोरता से अमल भी हुआ। मगर उनके स्थानांतरण के बाद हालात फिर पुराने ढर्रे पर लौट आए हैं।


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