साठगांठ का खेल, डग्गेमार पास रोडवेज फेल
एटा जासं। शासनादेश में भले ही बस स्टैंड क्षेत्र से प्राइवेट वाहनों द्वारा यात्रियों को बस में बिठाने पर प्रतिबंध हो लेकिन यहां तो रोडवेज के जिम्मेदारों और डग्गेमारों की साठगांठ से सब नियम ताक पर हैं। साठगांठ के इस खेल में डग्गेमार वाहन राजस्व को चूना लगा पास हैं। वहीं रोडवेज की खाली दौड़ती बसों से कम होते राजस्व से निगम की मंशा फेल नजर आ रही है।
एटा, जासं। शासनादेश में भले ही बस स्टैंड क्षेत्र से प्राइवेट वाहनों द्वारा यात्रियों को बस में बिठाने पर प्रतिबंध हो, लेकिन यहां तो रोडवेज के जिम्मेदारों और डग्गेमारों की साठगांठ से सब नियम ताक पर हैं। साठगांठ के इस खेल में डग्गेमार वाहन राजस्व को चूना लगा पास हैं। वहीं रोडवेज की खाली दौड़ती बसों से कम होते राजस्व से निगम की मंशा फेल नजर आ रही है। हाल यह है कि बस स्टैंड पर रोडवेज की बसें पीछे और प्राइवेट बसें बेखौफ उनके आगे खड़ी होकर भरी जा रही हैं। विभाग तो चुप है ही वहीं पुलिस और ट्रैफिक कर्मियों की सह भी साफ है।
यहां बता दें कि दो साल पहले तत्कालीन जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने शासनादेश के अनुपालन में प्राइवेट व डग्गेमार बसों को बस स्टैंड क्षेत्र से बाहर कर दिया था। उस समय रोडवेज को ढाई करोड़ का राजस्व लाभ हुआ था। धीरे-धीरे व्यवस्थाएं बिगड़ती गई हैं और अब हाल यह है कि बस स्टैंड पर डग्गेमारों का बोलबाला है। सुबह से ही रोडवेज की बसों से आगे डग्गेमारों के वाहन खड़े कर भरे जा रहे हैं। कुछ दिन पहले तक रोडवेज कर्मियों ने इसका विरोध भी किया, लेकिन डग्गेमारों के विरुद्ध विभागीय अधिकारियों ने चालक-परिचालकों का साथ न दिया तो अब स्थिति यह है कि निगम को घाटा व डग्गेमार बसों के संचालक बेखौफ कमाई कर रहे हैं।
बस स्टैंड पर रोडवेज की बसों से अपने वाहन आगे खड़ा कर वह रोडवेज अधिकारियों और पुलिस कर्मियों को हर रोज मोटी रकम देने की बात खुलेआम करते देखे जा सकते हैं। रोडवेज अधिकारियों की सह तो इस बात से साफ है कि शाम 6 बजे से आगरा मार्ग पर सभी बस सेवा बंद कर डग्गेमारों को छूट दे दी गई है। कुछ दिन पहले निरीक्षण को आए क्षेत्रीय प्रबंधक ने स्थानीय अधिकारियों को चेताया भी, लेकिन साठगांठ के आगे उनके भी निर्देश फैल हैं। निगम को घाटा के साथ बस स्टैंड के बाहर जाम की समस्या भी बढ़ती जा रही है।